समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन डीसी, 4 जुलाई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने कड़े व्यापार रवैये से वैश्विक बाजार को हिला दिया है। शुक्रवार से ट्रंप प्रशासन उन सभी देशों को आधिकारिक पत्र भेजना शुरू करेगा, जिन पर 9 जुलाई से बढ़े हुए टैरिफ लागू होने वाले हैं। मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने दो टूक कहा, “मुझे पसंद है कि हम उन्हें पत्र भेजकर साफ बता दें कि वे कितना टैरिफ देंगे।”
टैरिफ लागू करने की डेडलाइन नजदीक
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में ट्रंप प्रशासन ने ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ का ऐलान करते हुए लगभग सभी साझेदार देशों से आने वाले सामानों पर 10% तक का आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी। कई देशों के साथ समझौते की कोशिशों के चलते इसकी डेडलाइन 9 जुलाई तक बढ़ाई गई थी। ब्रिटेन और वियतनाम जैसे देश अमेरिका से नई शर्तों पर सहमत हो चुके हैं, जबकि चीन के साथ अस्थायी समझौता हुआ है।
भारत के साथ समझौते की आस
भारत और अमेरिका के बीच भी एक अंतरिम व्यापार समझौता लगभग तय माना जा रहा है। ट्रंप ने भरोसा जताया कि भारत के साथ नया समझौता जल्द होगा, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी। हालांकि, भारत ने कृषि और डेयरी सेक्टर को विदेशी कंपनियों के लिए खोलने से साफ इनकार कर दिया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल को वॉशिंगटन में अपनी बातचीत आगे बढ़ानी पड़ी, ताकि टकराव टाला जा सके।
कृषि और डेयरी सेक्टर बने रोड़ा
अमेरिका भारत से जेनेटिकली मोडिफाइड अनाज और डेयरी में बाजार खोलने की मांग कर रहा है, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है। भारत का कहना है कि इससे किसानों की आजीविका और सामाजिक संतुलन पर असर पड़ेगा। इसके बदले भारत ने अमेरिका से कपड़ा, चमड़ा और रत्न-आभूषण उद्योग के लिए ज्यादा बाजार पहुंच की मांग रखी है।
500 बिलियन डॉलर के व्यापार का सपना
ट्रंप भले ही भारत को पहले ‘टैरिफ अब्यूज़र’ कह चुके हों, लेकिन दोनों देश 2030 तक आपसी व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा में भी इसी लक्ष्य पर सहमति बनी थी। अब सबकी नजर अगले 48 घंटों में
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