ट्रंप की धमकी: चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी, वैश्विक व्यापार पर असर संभव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 अप्रैल।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने 9 अप्रैल से चीन पर 50% तक अतिरिक्त टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप की यह धमकी न सिर्फ चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध को नई आग दे सकती है, बल्कि इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप पहले भी 2016-2020 के अपने कार्यकाल में चीन पर कड़े टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया था। अब जब अमेरिका एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव की ओर बढ़ रहा है, ट्रंप ने अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे को केंद्र में लाते हुए चीन पर सख्ती दिखाने की रणनीति अपनाई है।

ट्रंप ने एक रैली में कहा,
“अगर मैं सत्ता में आया, तो चीन को उसकी अनुचित व्यापार नीतियों की कीमत चुकानी पड़ेगी। हम उनके उत्पादों पर 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे।”

हालांकि ट्रंप ने अभी तक स्पष्ट सूची जारी नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कंज़्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। इससे अमेरिकी बाज़ार में चीनी उत्पाद महंगे हो सकते हैं, और उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ सकता है।

चीनी सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है, लेकिन अतीत में देखा गया है कि चीन ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में जवाबी शुल्क लगाकर प्रतिक्रिया दी थी। अगर इस बार भी ऐसा होता है, तो यह व्यापार युद्ध और गहराने की आशंका को जन्म दे सकता है।

इस तरह की आर्थिक खींचतान का असर सिर्फ अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा।

  • वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की जा सकती है।

  • आपूर्ति शृंखला (Supply Chain) और कच्चे माल की कीमतों पर असर पड़ सकता है।

  • विकासशील देशों, खासकर एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

भारत के लिए यह स्थिति एक अवसर और चुनौती दोनों हो सकती है। एक ओर अमेरिका-चीन तनाव से भारत को वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत बनने का मौका मिल सकता है, वहीं वैश्विक व्यापार में अस्थिरता का असर भारतीय निर्यात और निवेश पर भी पड़ सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ धमकी 2025 के अमेरिकी चुनाव से पहले उनकी आक्रामक व्यापार नीति का संकेत है। लेकिन सवाल यही है कि क्या इस तरह के कदम से अमेरिका को लाभ होगा, या फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था एक और व्यापारिक तूफान का सामना करेगी?

आगामी दिनों में ट्रंप के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया और अमेरिकी प्रशासन की रणनीति तय करेगी कि यह चेतावनी सिर्फ चुनावी रेटॉरिक है या फिर एक नई व्यापार जंग की शुरुआत।

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