समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन डीसी, 6 अक्टूबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार (5 अक्टूबर) को ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तेहरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम दोबारा शुरू किया, तो अमेरिका इस बार “इतना इंतजार नहीं करेगा” और दोबारा हवाई हमले करेगा। ट्रंप ने यह बयान वर्जीनिया के नेवल स्टेशन नॉरफोक में आयोजित यूएस नेवी डे समारोह में दिया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने संबोधन में 22 जून को ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह अभियान “बखूबी अंजाम दिया गया मिशन” था। उन्होंने कहा कि उस समय ईरान सिर्फ एक महीने दूर था परमाणु हथियार हासिल करने से, और अमेरिका को कार्रवाई करनी पड़ी।
‘We’re NOT going to wait so long’ to hit Iran again
B2 pilots had been training for 22 YEARS for ‘Operation Midnight Hammer’, Trump adds https://t.co/0gaXwqvQ0l pic.twitter.com/tJO0QadFxY
— RT (@RT_com) October 5, 2025
“हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सही समय पर हमला किया। अगर वे इसे फिर से शुरू करते हैं, तो हमें दोबारा कदम उठाना होगा, और इस बार हम इतना इंतजार नहीं करेंगे,” — राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा।
‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ : तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर हमले
ट्रंप ने जून 22 के “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” का ज़िक्र करते हुए बताया कि इसमें अमेरिका ने “बंकर बस्टर” बमों का इस्तेमाल कर ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान में स्थित तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया था।
इससे पहले 13 जून को इज़राइल ने ईरान के दर्जनभर सैन्य और परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए थे।
“हमारे बी-2 बॉम्बर्स ने हर लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाया। वे खूबसूरत उड़ने वाले पंखों की तरह हैं। और एहतियात के तौर पर हमने एक पनडुब्बी से 30 टॉमहॉक मिसाइलें भी दागीं,” — ट्रंप ने अमेरिकी नौसेना के 250वें स्थापना दिवस पर मौजूद नौसैनिकों से कहा।
राष्ट्रपति ने दावा किया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के आंकड़ों से इतर, उस समय ईरान “एक महीने के भीतर परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में था।”
“22 साल की तैयारी, पर किसी राष्ट्रपति में हिम्मत नहीं थी”
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी बी-2 पायलटों ने उन्हें बताया कि यह ऑपरेशन 22 साल की योजना का परिणाम था। उन्होंने यह भी कहा कि उनसे पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति में इतना साहस नहीं था कि वह यह मिशन अंजाम दे सके।
सितंबर में डेली कॉलर को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा था कि उन्होंने जून के हमले “इज़राइल की ओर से” किए थे। उन्होंने दावा किया,
“मैंने इज़राइल के लिए जितना किया है, उतना किसी और ने नहीं किया। ईरान पर हालिया हमले उसी का उदाहरण हैं।”
ईरान-अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
ट्रंप के ताज़ा बयानों से वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ सकता है। अमेरिकी प्रशासन लगातार ईरान पर दबाव बना रहा है कि वह यूरेनियम संवर्धन बंद करे और मिसाइल कार्यक्रम को सीमित करे — लेकिन तेहरान ने इसे खारिज कर दिया है।
वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने दोहराया है कि देश परमाणु हथियारों का विकास नहीं करेगा, परंतु नागरिक परमाणु कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर बंद नहीं किया जाएगा। खामेनेई ने इसे “राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक” बताया।
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