सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत विभिन्न अधिनियमों, नियमों और योजनाओं पर पुणे में दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,1 मार्च। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से 28 फरवरी 2023 और 1 मार्च 2023 को पुणे में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के तहत विभिन्न अधिनियमों, नियमों और योजनाओं पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला में पूरे भारत के बारह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं।
कार्यशाला का उद्घाटन आज डॉ. वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री (वर्चुअल माध्यम से) ने रामदास अठावले, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री और विभिन्न प्रतिभागी राज्य सरकारों के मंत्रियों की उपस्थिति में किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. वीरेंद्र कुमार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार ने कहा, “सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य वंचित वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन सभी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ समान मात्रा में सहयोग की आवश्यकता है।” उन्होंने सभी से स्वस्थ और स्वच्छ भारत के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने देश के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए आगे बढ़ने का संकल्प व्यक्त किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, रामदास अठावले ने कहा, “इस कार्यशाला के आयोजन के पीछे मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा और विचार-विमर्श के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में सुधार करना है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ने विदेशी शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति की सहायता लेने वाले डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा, “21 वर्ष की आयु में, बाबासाहेब अंबेडकर अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय जाकर पढ़ने में सक्षम इसलिए हो पाए क्योंकि उन्हें छत्रपति शाहू महाराज और सयाजी गायकवाड़ महाराज द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। वहां की लेहमन लाइब्रेरी में वे 18 घंटे पढ़ाई करते थे। आज उसी लेहमन लाइब्रेरी में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा है। बाबा साहेब अंबेडकर ने महानता हासिल करने के लिए कठिन अध्ययन किया। इसी तरह हम सभी को भी शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए ताकि परिवार समृद्ध हो और राष्ट्र विकसित हो।”
मंत्री ने आखिर में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि इस मंच पर उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिससे योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन होगा। उन्होंने कहा, “हम अपने मंत्रालय द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों पर प्रतिनिधियों के सुझावों का स्वागत करते हैं।”
दो दिवसीय कार्यशाला में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री अनुसुचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय), अटल वयो अभ्युदय योजना, नमस्ते योजना, अनुसूचित जातियों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, नशीली दवाओं की मांग में कमी और नशा मुक्त भारत अभियान तथा अन्य के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना पर प्रजेंटेशन शामिल होंगी। वरिष्ठ नागरिकों, मैला ढोने वालों, ट्रांसजेंडरों और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों जैसे कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा पारित कानूनों पर चर्चा के लिए विभिन्न सत्र समर्पित किए गए हैं। कार्यशाला राज्यों को सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगी जो तब दूसरों द्वारा अनुकरण की जा सकती हैं। कार्यशाला में दो दिनों के अंत में एक सांस्कृतिक रात्रिभोज और समापन सत्र भी शामिल है।
आशा है कि कार्यशाला सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से समझने और लागू करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और संबद्ध एजेंसियों के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
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