हिंसा में रांची में दो की मौत, भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात

 

समग्र समाचार सेवा
रांची, 11जून। रांची में भीड़ और पुलिस के बीच हुई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल 13 लोगों को शुक्रवार देर रात राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया था.
रांची : पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ द्वारा की गई हिंसा और उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो दर्जन लोगों में से देर रात दो लोगों की मौत हो गई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया, जिसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. उन्होंने बताया कि राजधानी में बड़े पैमाने पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है. रांची SSP एस के झा ने कहा, 13-14 पुलिस कर्मी घायल हैं, हम हर जगह मुस्तैद हैं. हमने ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया है. जो भी दोषी हैं उन्हें बक्शा नहीं जाएगा.
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो लोगों की देर रात मौत हो गई. दोनों मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कर उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है.

शुक्रवार की हिंसा में 12 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से कुछ को गोलियां भी लगी थीं. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल 13 लोगों को शुक्रवार देर रात राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया था, जिनमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई. होमकर के अनुसार, मृतकों की पहचान हिंदपीढ़ी इलाके के लेक रोड निवासी 22 वर्षीय मोहम्मद मुदस्सिर कैफी और लोअर बाजार तर्बला रोड के रहने वाले 24 साल के मोहम्मद साहिल के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि कैफी के सिर में, जबकि साहिल की गर्दन में गोली लगी थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने के कारण दोनों की मौत होने की बात सामने आई है.

होमकर के मुताबिक, शुक्रवार रात से राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है. हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा-144 लागू कर निषेधाज्ञा का पालन कराया जा रहा है, ताकि हिंसा और उपद्रव से बचा जा सके.

रांची के हिंसाग्रस्त मेन रोड क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि आसापास के संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आईजी (महानिरीक्षक) रैंक और डीआईजी (उपमहानिरीक्षक) रैंक के एक-एक अधिकारियों के अलावा एसपी (पुलिस अधीक्षक) रैंक के छह अधिकारियों और डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) रैंक के सौ अधिकारियों सहित लगभग 2,500 पुलिस कर्मियों को भेजा गया है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच दोनों मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है. शुक्रवार को प्रशासन ने रांची के मेन रोड और उसके चारों तरफ 500 मीटर तक के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी.

रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने को बताया कि शहर के सभी 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी गई है. उन्होंने सभी से अपील की कि वे आ‍वश्यक न होने पर घरों से बाहर न निकलें और शांति व्यवस्था बनाए रखें. रांची में हुई हिंसा की राज्यपाल रमेश बैस ने निंदा की है. उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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