समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, अमेरिका, 15 जून: अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में शनिवार तड़के दो राज्य विधायकों पर हुए गोलीबारी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अधिकारियों ने इस घटना को ‘टारगेटेड अटैक’ (निशाना बनाकर हमला) बताया है। गोलीबारी चैम्पलिन और ब्रुकलिन पार्क इलाकों में उनके घरों पर हुई, जिससे इलाके में आपात चेतावनी जारी कर दी गई और निवासियों को घरों में रहने की अपील की गई।
हमले में एक विधायक घायल, एक की मौत
रॉयटर्स के अनुसार, हमले में राज्य सीनेटर जॉन हॉफमैन घायल हो गए, जबकि विधायक मेलिसा हॉर्टमैन और उनके पति की मौके पर ही मौत हो गई। यह हमले इतने योजनाबद्ध और खतरनाक थे कि स्थानीय प्रशासन और संघीय जांच एजेंसियां इसे संभावित आतंकवादी साजिश के रूप में देख रही हैं।
पुलिस अधिकारी बनकर घर में घुसा हमलावर
पुलिस के अनुसार, हमलावर ने पुलिस अधिकारी का भेष धारण किया था। उसने ऐसी SUV का इस्तेमाल किया जो हूबहू एक पुलिस गाड़ी जैसी दिखती थी, जिसमें आपातकालीन लाइट्स और सायरन भी लगे थे।
ब्रुकलिन पार्क पुलिस प्रमुख मार्क ब्रूली ने बताया,
“हमलावर ने एक ऐसे वाहन का उपयोग किया जो पूरी तरह से एक स्क्वाड कार जैसा था—जिससे वह बिना शक के घर में घुस सका।”
मैनिफेस्टो से सामने आई गहरी साजिश
पुलिस को संदिग्ध के वाहन से एक मैनिफेस्टो भी मिला है, जिसमें कई विधायकों और सार्वजनिक अधिकारियों के नाम संभावित लक्ष्यों के रूप में लिखे थे। इससे बड़ी साजिश और व्यापक खतरे की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि, हमले का वास्तविक मकसद फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है और जांच अभी शुरुआती चरण में है।
राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल की तीखी प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को “भयावह” बताया और कहा,
“ऐसी बर्बर हिंसा को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।”
वहीं, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने कहा कि वह स्थिति पर करीबी निगरानी रख रही हैं और एफबीआई की टीम मौके पर जांच में जुटी हुई है।
पुलिस की वर्दी का ‘विश्वासघात’: अधिकारियों की कड़ी टिप्पणी
पब्लिक सेफ्टी कमिश्नर बॉब जॉनसन ने कहा,
“हमलावर ने पुलिस वर्दी और वाहन की विश्वसनीयता का दुरुपयोग किया। यह भरोसे का ऐसा विश्वासघात है जो हर उस व्यक्ति को आहत करता है जो इस वर्दी को गर्व और जिम्मेदारी के साथ पहनता है।”
लोकतंत्र पर हमला या व्यक्तिगत रंजिश?
मिनेसोटा में हुआ यह हमला सिर्फ दो व्यक्तियों पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र और सार्वजनिक जीवन पर सीधा प्रहार है। जहां एक ओर हमलावर की पहचान और मंशा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं अधिकारियों ने देशभर में राजनीतिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
अब पूरा अमेरिका इस बात का इंतजार कर रहा है कि क्या यह हमला किसी बड़ी कट्टर विचारधारा का हिस्सा था, या व्यक्तिगत प्रतिशोध का मामला।
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