समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 21जून। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार पर सियासी संकट साफ दिख रहा है. पहले राज्यसभा और फिर विधान परिषद चुनाव में हार के बाद शिवेसना विधायक, कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत से सीएम उद्धव ठाकरे के सामने सरकार को बचाए रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. एकनाथ शिंदे के साथ 20 से ज्यादा विधायक बीजेपी की सत्ता वाले गुजरात राज्य के सूरत शहर पहुंच गए हैं. इसके बाद उद्धव सरकार संकट में घिरी दिख रही है.
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में हार के साथ ही शिवसेना में छिड़ी बगावत थमने का नाम नहीं ले रही. शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे 20 से अधिक विधायकों के साथ गुजरात पहुंचकर सूरत के एक होटल में ठहरे हैं. उन्होंने खुलकर बगावत का झंडा उठा लिया है. इसका सीधा असर उद्धव सरकार पर संकट के तौर पर सामने आया है. महाराष्ट्र में सरकार और विपक्ष में शामिल महाराष्ट्र के छोटे दलों की भूमिका सरकार को बचाने या नई सरकार बनाने में बेहद अहम साबित हो सकती है.
राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल दलों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इससे प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी फायदे में रहा. राजनीतिक गणित देंखे तो विधानसभा में बीजेपी के 106 विधायक हैं. निर्दलियों को मिलाकर यह संख्या 113 पहुंच रही थी. इसकी जगह बीजेपी को राज्यसभा चुनाव में 123 विधायकों के वोट मिले और एमएलसी चुनाव में 134 वोट मिले हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा समीकरण
शिवसेना के नेतृत्व में चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार को अब तक 169 विधायकों का समर्थन था. इसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे. इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन शामिल था. इसके मुकाबले महाराष्ट्र के प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के साथ 113 विधायक हैं. इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी का 1, जेएसएस का 1 और निर्दलीय 5 विधायक शामिल हैं. विपक्ष में इसके अलावा 5 अन्य दलों के विधायक भी हैं. इसमें AIMIM के 2, सीपीआई (एम) का 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल हैं.
एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के प्रकाश सर्वे, महेश शिंदे, संजय शिंदे, संजय बंगारी, अब्दुल सत्तार (मंत्री ), ज्ञानेश्वर चौगुले, शंभूराज देसाई (मंत्री ), भारत गोगावाले, संजय राठौड़, डॉ संजय रायमुलकरी हैं. सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक चंद्रकांत पाटिल भी उनके साथ हैं. एकनाथ शिंदे के बेटे डॉ श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना से सांसद हैं. शिंदे के साथ इन 26 विधायकों के अलावा दो छोटे दल या निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से हाथ खींचा तो सीएम उद्धव ठाकरे के सामने बहुमत साबित संभव नहीं हो पाएगा.
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