ब्रिटेन की संसदीय समिति का आरोप: भारत समेत 12 देश अंतरराष्ट्रीय दमन में शामिल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई: अमेरिका द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माना लगाने के कुछ ही दिनों बाद, भारत को एक और अंतरराष्ट्रीय झटका लगा है। इस बार आरोप ब्रिटेन से आया है, जहां ब्रिटिश संसदीय संयुक्त मानवाधिकार समिति (JCHR) ने एक रिपोर्ट जारी कर भारत को उन 12 देशों की सूची में रखा है जो कथित रूप से ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन (TNR) गतिविधियों में संलिप्त हैं।

‘ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन’ रिपोर्ट में भारत का नाम

ब्रिटिश संसद की इस संयुक्त समिति ने ‘ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन’ रिपोर्ट में भारत समेत 11 अन्य देशों पर आरोप लगाया है कि वे ब्रिटेन की धरती पर व्यक्तियों और समुदायों को चुप कराने, डराने और धमकाने की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समिति को ऐसे विश्वसनीय साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि इन देशों की गतिविधियों ने पीड़ितों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और मानसिक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

इन 12 देशों पर लगे आरोप

रिपोर्ट में जिन 12 देशों को शामिल किया गया है, उनमें भारत, चीन, पाकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब, तुर्किये, रूस, रवांडा, बहरीन, मिस्र, इरिट्रिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

JCHR के अनुसार, ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी MI5 द्वारा ऐसे मामलों की जांच में वर्ष 2022 से अब तक 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इन आरोपों की गंभीरता को दर्शाती है।

SFJ और खालिस्तानी लिंक का जिक्र

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) नामक संगठन का विशेष उल्लेख किया गया है, जिसे भारत सरकार ने UAPA कानून के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर रखा है। समिति का दावा है कि भारत के खिलाफ प्राप्त साक्ष्य इसी संगठन की गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।

इसके साथ ही, रिपोर्ट में कुछ देशों पर इंटरपोल तंत्र के ‘व्यवस्थित दुरुपयोग’ के भी आरोप लगाए गए हैं, जिससे यह मुद्दा और अधिक अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है।

भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल, भारत सरकार की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की कूटनीतिक प्रतिष्ठा पर इसका असर पड़ सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के साथ व्यापारिक और रणनीतिक रिश्तों को लेकर चर्चाएं तेज हैं।

बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के लिए चेतावनी

JCHR की रिपोर्ट भारत के लिए एक कूटनीतिक और छवि-प्रबंधन की चुनौती बनकर सामने आई है। इस तरह के आरोप न केवल भारत की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि इसके विदेश नीति और प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों पर भी असर डाल सकते हैं। आने वाले दिनों में भारत की प्रतिक्रिया और स्थिति स्पष्ट करना बेहद आवश्यक होगा।

 

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