समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 अप्रैल। रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी युद्ध के बीच एक उम्मीद की किरण तब जगी जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को 30 घंटे के “ईस्टर सीज़फ़ायर” की घोषणा की। यह पहल ईस्टर पर्व के सम्मान में की गई थी, लेकिन शांति की यह कोशिश भी नाकाम होती नज़र आई क्योंकि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर इस सीज़फ़ायर के उल्लंघन का आरोप लगाया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने 20 अप्रैल, रविवार से अब तक करीब 3,000 बार युद्धविराम तोड़ा है। उनका कहना है कि रूसी सेना ने विभिन्न इलाकों में लगातार हमले किए, जिससे यूक्रेनी नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए।
वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने यूक्रेनी ड्रोन और गोलेबारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। उनका आरोप है कि यूक्रेन ने सैकड़ों ड्रोन और तोप के गोले दागकर युद्धविराम की भावना का अपमान किया है। इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्ध को समाप्त करने की इच्छा जताई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस और यूक्रेन इस सप्ताह किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं, हालांकि उन्होंने इस संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी।
गौरतलब है कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर बड़ा हमला किया था, और तब से अब तक वह यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्ज़ा कर चुका है, जिसमें 2014 में कब्ज़ा किया गया क्राइमिया क्षेत्र भी शामिल है। युद्ध के चलते लाखों लोग मारे या घायल हुए हैं, जिनमें अधिकतर सैनिक हैं। आम नागरिकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले महीने रूस ने अमेरिका और यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित बिना शर्त युद्धविराम के जवाब में अपनी शर्तों की एक लंबी सूची पेश की थी, जिससे बातचीत की संभावनाएं फिर कमजोर हो गईं।
ईस्टर जैसे धार्मिक पर्व पर भी यदि हथियार नहीं थमते, तो यह स्पष्ट है कि यह युद्ध सिर्फ दो देशों का संघर्ष नहीं, बल्कि एक मानवीय त्रासदी बन चुका है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस मध्यस्थता करनी होगी ताकि इस युद्ध का अंत और शांति की शुरुआत हो सके।
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