यूक्रेनी आरोप: भारत निर्मित इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों का रूसी ड्रोन में उपयोग

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त: रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच यूक्रेन ने भारत से एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। उसने दावा किया कि भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स का उपयोग ईरानी शाहेद ड्रोन में हो रहा है, जिसे रूसी सेना यूक्रेन के खिलाफ हमलों में उपयोग कर रही है।

यूक्रेनी अधिकारियों ने भारत स्थित विशाय इंटरटेक्नोलॉजी और ऑरा सेमीकंडक्टर नामक फर्मों के उत्पादों का उल्लेख किया, जिनके ‘ब्रिज रेक्टिफायर E300359’ और ‘PLL-आधारित सिग्नल जनरेटर AU5426A’ जैसे पुर्जों की पहचान शाहेद ड्रोन में की गई है। सूत्रों के मुताबिक, ये पुर्जे ड्रोन के सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम और वोल्टेज रेगुलेटर यूनिट में इस्तेमाल किए गए थे।

अपनी शिकायत में यूक्रेन ने बताया कि इस तरह के पुर्जों का इस्तेमाल शाहेद-136 ड्रोन में हो रहा है, जिसमें पिछले बरस की कई इकाइयों में भारतीय कॉम्पोनेंट्स पाए गए। यूक्रेन की खुफिया रिपोर्ट के आधार पर विदेश मंत्रालय को औपचारिक रूप से दो बार शिकायत की गई है।

यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि डेविड ओ’सुलिवन के भारत दौरों के दौरान, यूक्रेनी राजनयिकों ने इस मुद्दे को उठाया था। ओ’सुलिवन, नए प्रतिबंध पैकेज को लेकर भारतीय अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे, जिसमें रूस की ऊर्जा कंपनियों और तेल उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंधों का प्रस्ताव भी शामिल था।

भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “दोहरे इस्तेमाल वाली वस्तुओं का निर्यात भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं और घरेलू कानूनों के तहत होता है। हम निर्यात नियमों के पूर्ण पालन की नियमित जाँच करते हैं।”

विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों द्वारा भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया गया, और यह संभव है कि पुर्जे वैध रूप से तीसरे देशों में निर्यात किए गए हों, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है।

कंपनियों की प्रतिक्रिया

विशाय इंटरटेक्नोलॉजी ने कोई टिप्पणी नहीं दी है, जबकि ऑरा सेमीकंडक्टर के सह-संस्थापक किशोर गंती ने कहा, “हम कड़े नियमों का पालन करते हैं और किसी भी सामग्री का गैरकानूनी इस्तेमाल नहीं होने देते। यदि कमियाँ पाई जाती हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे।”

प्रभाव एवं विश्लेषण

रूस ईरानी शाहेद ड्रोन का व्यापक उपयोग कर रहा है—यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार इस साल जुलाई में रु.6,129 लॉन्च किए गए। यूक्रेनी रक्षा खुफिया निदेशालय ने यह भी कहा कि रूस ने अमेरिका व चीन की इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी उपयोग किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, खुली अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात के बाद कंटेंट का ट्रैक करना जटिल हो जाता है, जिसे रणनीतिक चुनौतियों के रूप में देखा जा सकता है।

 

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