“इंडियन पैनोरमा खंड के तहत हम देश के चारों कोनों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे”:श्री अपूर्वा चंद्रा
इफ्फी 53 में फ़ीचर फ़िल्म श्रेणी की शुरुआत शहरी किशोरों के समक्ष आने वाले संवेदनशील मुद्दों को चित्रित करती हैडिनलेंटू के साथ
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 नवंबर।गोवा में आयोजित किए जा रहे 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के इंडियन पैनोरमा खंड का आरंभ आज पूरे भारत से एकत्र की गई कहानियों को बड़े पर्दे पर जीवंत रूप से उतारने के वादे के साथ हुआ।
उद्घाटन समारोह में इस वर्ष की इंडियन पैनोरमा 2022 श्रेणी के तहत इफ्फी के लिए आधिकारिक रूप से चयनित 25 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्मों के बारे में दर्शकों को अवगत कराया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने उन फिल्म निर्माताओं को बधाई दी, जिनकी फिल्में इफ्फी में दिखाई जा रही हैं। उन्होंने सभी फिल्मों को देखने के लिए समय निकालने और उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन इंडियन पैनोरमा हेतु करने के लिए ज्यूरी के सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अपूर्वा चंद्रा ने कहा, “इंडियन पैनोरमा खंड के तहत हम देश के चारों कोनों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे।”
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उद्घाटन फिल्मों हैडिनलेंटू (फीचर) और द शो मस्ट गो ऑन (नॉन-फीचर) के फिल्म निर्माताओं को सम्मानित किया।
Union Minister @ianuragthakur felicitates the cast and crew of the opening films of Indian Panorama
🎬The Show Must Go On (Non-Feature Film)
🎬Hadinelentu (Feature Film)#IFFI #AnythingForFilms #IFFI53 pic.twitter.com/H3EtK1j0Y6— PIB India (@PIB_India) November 21, 2022
गैर-फीचर फिल्म श्रेणी में उद्घाटन फिल्म द शो मस्ट गो ऑन की निर्देशक दिव्या कौवासजी ने कहा, “लॉकडाउन के समय जब मैं अपने भाई, जो फिल्म निर्माता भी हैं, के साथ घर पर कैद थी, तो हमने पारसी थिएटर के पुराने कलाकारों की रिहर्सल के दौरान शूट की गई फिल्म की फुटेज को संपादित करने का फैसला किया। वे सभी कलाकार 30 साल से अधिक समय तक मंच से दूर रहने के बाद एक अंतिम शो के लिए साथ आ रहे थे। मुझे पारसी थिएटर के इन महान लोगों से प्यार हो गया, उनके आखिरी शो की इस रॉ फुटेज को संपादित करते हुए मैं गर्व से कह सकती हूं कि इस फिल्म ने एडिटिंग टेबल पर जन्म लिया है।
फीचर फिल्म श्रेणी की उद्घाटन फिल्म हैडिनलेंटू निर्देशक पृथ्वी कोनानूर की चौथी फिल्म है और इसका प्रीमियर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव बुसान 2022 में भी होने जा रहा है। फिल्म के निदेशक पृथ्वी कोनानूर ने फिल्म को सम्मान और मान्यता देने के लिए इफ्फी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म हमारे समय के शहरी समाज में किशोरों के सामने आने वाले संवेदनशील मुद्दों से संबंधित है।
इंडियन पैनोरमा इफ्फी का एक प्रमुख घटक है जिसके तहत फिल्म कला के प्रचार के लिए सर्वश्रेष्ठ समकालीन भारतीय फिल्मों का चयन किया जाता है। इफ्फी के अंतर्गत इसकी शुरुआत 1978 में भारतीय फिल्मों और भारत की समृद्ध संस्कृति और सिनेमाई कला को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ज्यूरी के सदस्यों को भी सम्मानित किया।
इंडियन पैनोरमा का चयन पूरे भारत के सिने जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा किया जाता है, जिसमें फीचर फिल्मों के लिए एक 12 सदस्यीय ज्यूरी और गैर-फीचर फिल्मों के लिए एक छह सदस्यीय ज्यूरी होती है, जिनका नेतृत्व उनके अध्यक्षों द्वारा किया जाता है। अपनी निजी विशेषज्ञता का प्रयोग करते हुए, प्रतिष्ठित ज्यूरी पैनल आम सहमति बनाने में समान रूप से योगदान देते हैं, जिसकी बदौलत संबंधित श्रेणियों में इंडियन पैनोरमा फिल्मों का चयन होता है।
बारह सदस्यों वाली फीचर फिल्म ज्यूरी की अध्यक्षता विख्यात निर्देशक और संपादक विनोद गणात्रा ने की। छह सदस्यों वाली गैर-फीचर फिल्म ज्यूरी की अध्यक्षता विख्यात फिल्मकार, निर्माता, लेखक और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ओइनम डोरेन ने की।
इंडियन पैनोरमा खंड के लिए चयनित फिल्मों को फिल्म कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत और विदेशों में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों, द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अंतर्गत भारतीय फिल्म सप्ताहों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रोटोकॉल के तहत के बाहर आयोजित होने वाले विशिष्ट फिल्म समारोहों, और भारत में विशेष इंडियन पैनोरमा समारोहों के अंतर्गत गैर-लाभकारी स्क्रीनिंग के तहत भी दिखाया जाएगा।
इंडियन पैनोरमा की उद्घाटन फिल्मों के बारे में:
हैडिनलेंटू:
12वीं कक्षा के विद्यार्थी – दीपा और हरि, शनिवार की दोपहर को कॉलेज खत्म होने के बाद कक्षा में अपने अंतरंग पलों को दीपा के फोन पर रिकॉर्ड कर लेते हैं। सोमवार को प्रिंसिपल उन्हें बुलाकर बताते हैं कि उनका वीडियो अब इंटरनेट पर है। इस घटना से उनके परिवार बिल्कुल सन्न रह जाते हैं । कॉलेज प्रशासन उनके भाग्य का फैसला करता है जबकि वे निष्कासित रहते हैं। लेकिन जब उनकी जाति का सवाल सामने आता है तो हालात बेकाबू होने लगते हैं।
द शो मस्ट गो ऑन
दशकों की निष्क्रियता के बाद पारसी रंगमंच के पुराने कलाकार एक अंतिम प्रस्तुति के लिए मंच पर लौट आए हैं। वे रिहर्सल में डूबे हुए हैं, वृत्तचित्र मंच पर आखिरी बार प्रस्तुति करने के उनके जज्बे का वृतांत प्रस्तुत करता है। रिहर्सल की यह रचनात्मक आपा-धापी, उनके रिश्तों, विशिष्ट संवेदनाओं और अनूठे हास्य का अंतरंग चित्र प्रस्तुत करती है। लेकिन अंतिम प्रस्तुति की पूर्व संध्या पर कलाकारों के साथ एक बड़ी त्रासदी हो जाती है। क्या यह सब कुछ बदल देगा? या शो विल गो ऑन?
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