प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की कल्पना के साथ आगे बढ़ रही है सहकारिता : अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों- BBSSL, NCOL और NCEL के नए कार्यालय भवन का किया उद्घाटन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 मार्च। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों- भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) के नए कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा और डॉ. आशीष कुमार भूटानी, सचिव, सहकारिता मंत्रालय के साथ-साथ NCEL, NCOL और BBSSL के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज यहां तीन कोऑपरेटिव्स के नए कार्यालय के उद्घाटन के रूप में एक बहुत बड़े काम का बीज बोया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की कल्पना के साथ हम आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय में शुरू में ही गैप्स, उन्हें भरने, कोऑपरेटिव्स का दायरा बढ़ाने और टर्नओवर और मुनाफा बढ़ाकर किसानों तक उसे पहुंचाने की गतिविधियों की पहचान कर ली गई थी और इन तीनों समितियों की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई थी।अमित शाह ने कहा कि आज 31 हज़ार वर्गफीट क्षेत्रफल वाले औऱ स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीक के साथ बने इस कार्यालय में इन समितियों का मुख्यालय शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस कार्यालय में कॉर्पोरेट क्षेत्र के सारे नवाचार का अनुभव करेंगे और उन्हें प्राप्त भी करेंगे। उन्होंने कहा कि ये तीनों समितियां किसानों की अलग –अलग प्रकार की ज़रूरतों को पूरा करने वाली हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि बहुत कम समय में हमने तीनों समितियों को बनाने के लिए देश की प्रमुख सहकारी समितियों, अमूल, नेफेड, एनसीसीएफ, इफ्को, कृभको, एनडीडीबी और एनसीडीसी को इनके मूल प्रमोटर के रूप में एकत्रित किया और इन सभी संस्थाओं ने मिलकर इन तीनों समितियों को स्थापित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड को कोऑपरेटिव समितियों से लगभग 7,000, ऑर्गेनिक लिमिटेड को 5,000 औऱ बीज सहकारी समिति को 16,000 सदस्यता आवेदन मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि काम का दायरा कितना बढ़ा है और इतने कम समय में हम इसे इतना नीचे तक उतारने में सफल रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि इन तीनों समितियों की स्थापना एक बहुमुखी उद्देश्य के साथ की गई थी और जब ये पूर्ण रूप से कार्यरत हो जाएंगी, तब हमारे किसानों की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कैमिकल फर्टिलाइज़र के उपयोग से हमारी भूमि खराब होती जा रही है, हमें इसे बचाना है और ऑर्गेनिक खेती की ओर किसान को ले जाना आज समय की मांग है। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि, भूमि, जल संरक्षण, बाढ़ से बचाव के साथ-साथ 130 करोड़ भारतीयों और विश्वभर के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी ऑर्गेनिक उत्पादों की वृद्धि, मार्केटिंग और पहुंच बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बनाई गई समिति ऑर्गेनिक उत्पादों के कलेक्शन, सर्टिफिकेशन, टैस्टिंग, स्टैंडर्डाइज़ेशन, खरीद, स्टोरेज, प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग औऱ निर्यात तक की पूरी चेन का सब काम खुद भी करेगी और कई कोऑपेरेटिव्स के लिए गाइड का काम भी करेगी। अमित शाह ने कहा कि बीज के लिए बनाई गई सहकारी समिति हमारे प्राकृतिक, मीठे और पारंपरिक बीजों के स्वाद, गुणवत्ता और बीज को संरक्षित और संवर्धित करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि हम PACS के माध्यम से ढाई एकड़ जमीन वाले किसानों को भी बीज का प्लॉट देने और उनकी आय में बढ़ोत्तरी का काम करेंगे। अमित शाह ने कहा कि जैविक उत्पादों के लिए बनी समिति इन उत्पादों के मिलने वाले अच्छे दाम में से बहुत छोटा हिस्सा अपने संचालन के लिए रखकर ज़्यादातर हिस्सा कोऑपरेटिव डेयरी के स्तर पर किसानों को वापस देगी। इसी प्रकार निर्यात के लिए बनी समिति कृषि उत्पादों के वैश्विक निर्यात में हमारे देश के हिस्से को बढ़ाएगी और इससे होने वाला मुनाफा सीधा किसानों के बैंक खातों में जमा होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि अगले 5 साल में निर्यात कोऑपरेटिव सोसाइटी के टर्नओवर को सालाना एक लाख करोड़ रूपए तक पहुचाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्यात में फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित कर दलहन के आयात की कमी को भी इसी माध्यम से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दलहन का उत्पादन तभी बढ़ सकता है जब इसके निर्यात की सुचारू व्यवस्था हो और तभी किसान दलहन बोएगा।अमित शाह ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि कम से कम 50% मुनाफा PACS के माध्यम से सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाए।
अमित शाह ने कहा कि आज हमारे देश में गुजरात सहित कई राज्यों में लाखों किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के मॉडल में एक देसी गाय से 21 एकड़ भूमि की खेती होती है, उत्पादन कम नहीं होता है और भूमि की उर्वरता बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की संख्या में 7 गुना वृद्धि हुई है, जो बताता है कि ये प्रयोग सफल रहा है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में ऑर्गेनिक खेती में भूमि परीक्षण और अनाज के प्रोडक्शन की टेस्टिंग के लिए लैबोरेट्रीज का जाल बुनने का काम हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में देश का एक भी जिला ऐसा नहीं होगा जहां ऑर्गेनिक भूमि और प्रोडक्ट का परीक्षण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहां ऑर्गेनिक उपज ज़्यादा है वहां तक इस प्रक्रिया को ले जाकर और इसे किसानों को उपलब्ध करा कर उत्पाद को सर्टिफाइड कर बाजार का मुनाफा उस तक पहुंचने का काम करेंगे।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने बीज सहकारी लिमिटेड के लिए 5 वर्ष में 10 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा टर्नओवर का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक ऑर्गेनिक्स भारत के घरेलू बाजार में 50% से ज्यादा हिस्सेदारी रखेगा। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक ऑर्गेनिक बाजार लगभग 10 लाख करोड़ रूपए का है और इसमें भारत का निर्यात 7 हज़ार करोड़ रूपए है, जिसे बढ़ाकर हम 70 हज़ार करोड़ रूपए तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक कृषि उपज बाज़ार 2155 अरब डॉलर है और इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 45 अरब डॉलर है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने तय किया है कि 2030 तक एक बड़ी छलांग लगाकर इसे 115 अरब डालर तक पहुंचाएंगे। अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि इन तीन समितियों के माध्यम से आने वाले दिनों में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट, बीज संरक्षण और संवर्धन और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में सभी गैप्स को भरने में सफलता मिलेगी।
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