प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने समग्र दृष्टिकोण से एक अनोखा जैव विविधता संरक्षण मॉडल तैयार किया है : भूपेंद्र यादव
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6जुलाई।केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समग्र दृष्टिकोण से एक अनोखा जैव विविधता संरक्षण मॉडल तैयार किया है। गुजरात में द्वारका के रुक्मिणी मंदिर के पास हरियाली महोत्सव को आज संबोधित करते हुए यादव ने पर्यावरण और उस पर निर्भर प्राणियों के बीच महत्वपूर्ण संतुलन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार ने इस संदेश को विश्व स्तर पर फैलाने के लिए मिशन लाइफ शुरू किया है।
पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला को संरक्षित करके और उसमें सबसे उपर के शिकारियों को सुरक्षित करके महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी प्रणालियों के पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन और प्रोजेक्ट लायन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य और उनके संरक्षण के पारिस्थितिक संकेतक के रूप में मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र और डॉल्फ़िन के महत्व पर जोर दिया।
संरक्षण पहल में बहु-हितधारकों की भागीदारी को आमंत्रित करते हुए यादव ने उद्योगों से हाल में शुरू की गई ग्रीन क्रेडिट प्रणाली में सक्रिय रूप से योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कार्बन पृथक्करण और हरित आवरण को बढ़ाने में उद्योगों की भूमिका और योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी इस संबंध में एक प्रभावी उपकरण है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात ने मैन्ग्रोव इकोसिस्टम के संरक्षण के लिए पीपीपी मॉडल में असाधारण काम किया है। हालांकि, ऐतिहासिक मैंग्रोव क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें पुनर्स्थापित करने के प्रयासों की आवश्यकता है, जो पहले से ही खराब स्थिति में हैं।
यादव ने मैन्ग्रोव वृक्षारोपण लक्ष्य, मैन्ग्रोव नर्सरियों का स्टॉक, आजीविका के अवसर, प्रचार और पहुंच कार्यक्रम के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मैन्ग्रोव क्षेत्रों में पर्यावरण-पर्यटन जैसी मुख्य गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया ताकि मैन्ग्रोव में 30 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने में मदद मिल सके।
पर्यावरण मंत्री ने मैन्ग्रोव के संरक्षण के लिए हाल ही में शुरू किए गए मिष्टी कार्यक्रम और भारत के मैंग्रोव गठबंधन का एक हिस्सा बनने के बारे में सभा को जानकारी दी। उन्होंने भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के प्रकाशन की चर्चा की जिसमें भारत में दर्ज मैन्ग्रोव की 500 प्रजातियों की शब्दावली शामिल है।
गणमान्य व्यक्तियों ने मैन्ग्रोव का प्रतीकात्मक वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम के तहत वन विभाग और पहचानी गई प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच मिष्टी (तटरेखा आवास और मूर्त आय के लिए मैन्ग्रोव पहल) के तहत समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। मैन्ग्रोव सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ‘वन नायकों’ को भी सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में गुजरात सरकार के पर्यटन, सांस्कृतिक कार्य, वन और पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा, जामनगर और द्वारका की संसद सदस्य पूनमबेन मैडम, राजकोट के विधान सभा सदस्य उदय कांगड, वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल और एमओईएफऔरसीसी में विशेष सचिव एस.के.चतुर्वेदी, गुजरात के पीसीसीएफ यू.डी. सिंह और गुजरात सरकार के अन्य उच्च वन अधिकारी, एन.सी.सी. और स्काउट; शारदापीठ के पंडित और भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी देखी गई।
Addressed Haryali Mahotsav near Dwarka’s Rukmini Temple today, under which a mangrove plantation drive was organised.
Under PM Shri @narendramodi ji, India has devised a unique biodiversity conservation model through a holistic approach. pic.twitter.com/NzRtSZ5Qa0
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 6, 2023
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