यूनीसेफ रिपोर्ट का दावा, दुनिया के पांच में से एक बच्चे को नही मिलता पर्याप्त पानी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,23 मार्च।
पूरी दुनिया में पानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा हैं। जी हां यूनीसेफ का एक सर्वे बताता है कि दुनियाभर में पांच में से एक बच्चे को उसकी जरूरत के मुताबिक पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 4.5 करोड़ बच्चे ऐसी जगहों पर रह रहे हैं, जहां पर पानी की काफी समस्या है। यही नहीं, वैश्विक स्तर पर 1.42 अरब लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, 80 देशों में बड़ी संख्या में बच्चे ऐसी जगहों पर रह रहे हैं, जहां पानी के संकट से वे बुरी तरीके से जूझ रहे हैं। पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के आधे से अधिक बच्चों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी और मध्य अफ्रीका में यह आंकड़ा क्रमश: 31 और 25 फीसद का है, जबकि मध्य एशिया में यह स्थिति 23 फीसद बच्चों की है।

रिपोर्ट में 37 हॉटस्पॉट देशों को चिह्नित किया गया है। इन जगहों पर जल संकट की स्थिति अधिक विकराल है। इन देशों में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, हैती, इथोपिया, तंजानिया, यमन, केन्या, बुरकीना फासो, सूडान आदि देश शामिल हैं।

यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर का कहना है कि पानी का संकट एकदम से नहीं आया है। यह लंबे समय से था और क्लाइमेट चेंज ने इसे भयावह बना दिया। जब अकाल ने फूड सप्लाई को बाधित किया तो बच्चे कुपोषण के शिकार होने लगे। जब बाढ़ आई तो बच्चे पानी जनित रोगों से बीमार पड़ने लगे। वहीं, जब पानी के स्रोत कम हो गए तो बच्चों के पास इतना पानी नहीं था कि वे अपने हाथ धो सकें और रोगों से बचाव कर सकें।
यूनीसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 9.14 करोड़ बच्चे जल संकट का सामना कर रहे हैं, यानी बच्चों की कुल आबादी के 20 फीसद बच्चे इस समस्या का सामना कर रहे हैं।

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