31 जनवरी से शुरू होगा केंद्रीय बजट सत्र, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी अपना 8वां बजट

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 जनवरी।
भारत सरकार का केंद्रीय बजट सत्र 31 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। इस बजट पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पेश होने वाला पहला पूर्ण बजट होगा।

बजट सत्र का कार्यक्रम

  • 31 जनवरी 2025: बजट सत्र का पहला दिन होगा, जिसमें राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
  • 1 फरवरी 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी।

निर्मला सीतारमण का 8वां बजट

निर्मला सीतारमण ने साल 2019 में पहली बार केंद्रीय बजट पेश किया था। उसके बाद से वे लगातार हर वर्ष बजट पेश कर रही हैं। इस बार का बजट खास इसलिए भी है क्योंकि यह मौजूदा सरकार के दूसरे कार्यकाल का महत्वपूर्ण बजट है।

बजट से क्या हैं उम्मीदें?

देश के हर वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासतौर पर मध्यम वर्ग, किसान, उद्योग जगत और युवा वर्ग को राहत की उम्मीद है।

  1. मध्यम वर्ग को राहत: आयकर स्लैब में बदलाव और टैक्स में छूट की उम्मीद की जा रही है।
  2. कृषि क्षेत्र में निवेश: किसानों के लिए नई योजनाओं और कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश की घोषणा हो सकती है।
  3. रोजगार के अवसर: युवाओं के लिए रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं पर फोकस किया जा सकता है।
  4. इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: रेलवे, सड़कों और हवाई अड्डों के विस्तार के लिए बड़े फंड की घोषणा हो सकती है।
  5. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स: स्टार्टअप्स और डिजिटल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लाई जा सकती हैं।

आर्थिक स्थिति और बजट की दिशा

भारत की अर्थव्यवस्था महामारी और वैश्विक मंदी से उबर रही है। ऐसे में यह बजट आर्थिक सुधारों और विकास योजनाओं पर आधारित हो सकता है। सरकार का लक्ष्य महंगाई को काबू में रखना, रोजगार बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना हो सकता है।

राजनीतिक महत्व

यह बजट आगामी पांच वर्षों के लिए आर्थिक दिशा तय करेगा। 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद यह सरकार का पहला पूर्ण बजट है, इसलिए जनता की उम्मीदें भी अधिक हैं।

निष्कर्ष

केंद्रीय बजट 2025-26 से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने देश की आर्थिक चुनौतियों से निपटने और विकास को गति देने की जिम्मेदारी है। देखना दिलचस्प होगा कि यह बजट किन क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है और जनता को किस हद तक राहत मिलती है।

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