केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ वैश्विक क्षय रोग कार्यक्रम को किया संबोधित, ‘टीबी की रोकथाम पर दिया जोर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17जून। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 16जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डब्ल्यूएचओ वैश्विक क्षय रोग कार्यक्रम द्वारा आयोजित ‘टीबी की रोकथाम में तेजी लाने के लिए वैश्विक अभियान’ पर वर्चुअल उच्चस्तरीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इस विशेष उच्चस्तरीय आयोजन का उद्देश्य टीबी रोकथाम की रणनीतियों को विस्तार देने और टीबी निवारक उपचार पर 2022 संयुक्त राष्ट्र उच्चस्तरीय बैठक के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए देश और वैश्विक स्तर पर जरूरी प्रमुख कदमों पर चर्चा करना था।

टीबी रोकथाम को बढ़ाने की देश की प्रतिबद्धताओं पर मंत्रि-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘टीबी निवारक उपचार को बढ़ाना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने तथा टीबी संक्रमितों में पूर्ण विकसित सक्रिय रोग का रूप लेने से रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत टीबी का मुकाबला करने और 2025 तक उसके खात्मे के लिए नए टीबी निवारक उपचार के रास्ते पर चल रहा है।’

भारत की प्रतिबद्धताओं को दृढ़ता के साथ दोहराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत टीबी को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से वित्त पोषित राष्ट्रीय रणनीतिक योजना को आक्रामक ढंग से लागू कर रहा है। पांच करोड़ लोगों का उपचार कर पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है।संयुक्त राष्ट्र उच्चस्तरीय बैठक (यूएनएचएलएम) के लक्ष्यों- वैश्विक स्तर पर टीबी के उपचार का 4 करोड़ और टीपीटी पर 3 करोड़ लोगों, को हासिल करने के लिए शेष 18 महीनों में भारत राष्ट्रीय स्तर पर टीबी निवारक उपचार (टीपीटी) और गतिविधियों में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि सटीक टीबी स्क्रीनिंग और डायग्नोस्टिक टूल जैसे एनएएटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिटेक्शन के साथ डिजिटल एक्स-रे, उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं, डिजिटल टेक्नोलॉजी, बहु-क्षेत्रीय सामुदायिक जुड़ाव के साथ हमारी स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों पर एकीकृत टीबी सेवाएं देश में टीबी के मामलों और मृत्यु दर में तेजी से कमी लाने के लिए हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के योग्य नेतृत्व में भारत ने 2025 तक यानी 2030 के एसडीजी लक्ष्य से पांच साल पहले ही टीबी को समाप्त करने की अभूतपूर्व राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखाई है।’

इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस अडनोम घेब्रेयसस, तेरेजा कासेवा, निदेशक, डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टीबी प्रोग्राम और एरियल पाब्लोस मेंडेस, अध्यक्ष, टीबी के लिए रणनीतिक और तकनीकी सलाहकार समूह (एसटीएजी-टीबी) भारत, ब्राजील, नाइजीरिया, रूस, फिलिपींस, पाकिस्तान और इंडोनेशिया समेत कई देशों के उच्चस्तरीय नेताओं के साथ शामिल हुए।

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