समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 फरवरी। केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकार से समृद्धि के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सहकारिता के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पित है। .
अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आज के बजट में जो अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं, वे इसी संकल्प के प्रतीक हैं. विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत भण्डारण क्षमता स्थापित करने की योजना से सहकारी समितियों से जुड़े किसान अपनी उपज को उचित समय पर बेचकर उसका उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय बढ़ाने के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 5 वर्षों में हर पंचायत में नई बहुउद्देशीय सहकारी समिति, प्राथमिक मत्स्य समिति और डेयरी सहकारी समिति भी स्थापित करेगी। इससे सहकारिता आंदोलन को एक नई दिशा और गति मिलेगी, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त बनेगा।
अमित शाह ने 31 मार्च, 2024 तक गठित विनिर्माण क्षेत्र की सहकारी समितियों को 15% कर दायरे में ही रखने के लिए भी श्री मोदी का आभार व्यक्त किया। प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) और प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (PCARDBs) के लिए नकद जमा और ऋण के लिए नकद निकासी पर TDS को 3 करोड़ रुपये तक सीमित करने और प्रति सदस्य 2 लाख रुपये तक की सीमा बनाने का निर्णय प्रशंसनीय है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि वह सहकारी क्षेत्र के लिए लिए गए एक और महत्वपूर्ण फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें चीनी सहकारी समितियों को किसानों को 2016-17 से पहले किए गए भुगतान को उनके व्यय में दिखाने की सुविधा दी गई है. सहकारी चीनी मिलों को 10 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
Comments are closed.