केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त रूप से “स्वच्छता ही सेवा-2023” अभियान का किया शुभारंभ
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 सिंतबर। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वर्चुअल रूप से राजस्थान के जयपुर से अखिल भारतीय स्वच्छता पखवाड़ा – “स्वच्छता ही सेवा-2023” अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप शुरू किया गया है। स्वच्छता के उनके आह्वान ने पूरे देश को इस नेक कार्य के लिए प्रेरित किया है। इस अभियान को केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय आवास तथा शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए संयुक्त रूप से शुरू किया गया।
एक पखवाड़े की ये गतिविधियां स्वच्छता के इर्द-गिर्द सहभागिता को प्रेरित करेंगी। इस दौरान ‘श्रमदान’ के जरिए नागरिक कार्रवाई को लामबंद करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और ‘कचरा मुक्त भारत’ के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत किया जाएगा, जो कि इस अभियान की थीम है। केंद्रीय मंत्रियों ने सरपंचों, ब्लॉक प्रमुखों, मेयरों, सीईओ-जेडपी, डीएम/डीसी और ग्रामीण तथा शहरी स्थानीय निकायों के अन्य अधिकारियों के साथ एक संवाद भी किया। केंद्रीय मंत्री ने जमीनी स्तर पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) की गतिविधियों की निगरानी और दस्तावेजीकरण के लिए एक विशेष एसएचएस पोर्टल भी लॉन्च किया। पहली बार इन गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले लोगों और गतिविधियों की संख्या को गिना जाएगा और ‘श्रमदान’ के वास्तविक मानव घंटों की गणना पोर्टल पर की जाएगी। भारतीय स्वच्छता लीग का दूसरा संस्करण भी लॉन्च किया गया।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में सभी से आग्रह किया कि कचरे के स्रोत पृथक्करण, पुराने कचरे को हटाने और स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में काम करें। गजेंद्र शेखावत ने कहा कि यह पखवाड़ा इस दिशा में आगे बढ़ने और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों की सर्वोत्तम स्वच्छता पद्धतियों की पहचान करने और उन्हें दोहराने का एक अवसर है। उन्होंने पुराने कचरे की मात्रा का पता लगाने और आकलन करने तथा लघु और दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करने पर जोर दिया, जिसे समयबद्ध और परिणामोन्मुख तरीके से इसे हल किया जा सके। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि उन विभिन्न जल निकायों को पुनर्जीवित करने का संकल्प लें जो पुराने कचरे के कारण बंद हो गए हैं और यह सुनिश्चित करें कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इन जल निकायों का पुनरुद्धार किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि इस पखवाड़े के दौरान लक्षित और परिणामोन्मुखी गतिविधियां चलाई जानी चाहिए और सर्वोत्तम नतीजे हासिल करने के लिए कार्य आवंटन ठीक से किया जाना चाहिए।
गजेंद्र शेखावत ने आगे कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन की समस्याओं से एक साथ निपटा जा सकता है क्योंकि शहरों में क्षमता अधिक है लेकिन जगह की कमी है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता नहीं है लेकिन जगह पर्याप्त है। केंद्रीय मंत्री ने पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव को अधिकतम सहयोग सुनिश्चित करने और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करने हेतु आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव के साथ मिलकर एक दीर्घावधि योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि वह इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी से सक्रिय भागीदारी और सहयोग की आशा रखते हैं।
एसबीएम-ग्रामीण और एसबीएम-शहरी दोनों ने ‘स्वच्छता ही सेवा 2023’ की विषयवस्तु के अनुरूप कचरा मुक्त भारत में जन भागीदारी और सामुदायिक गतिशीलता को बढ़ाने के लिए प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के साथ साझेदारी की है। इसमें दृष्टिगोचर स्वच्छता और सफ़ाई मित्रों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां मूल भावना श्रमदान और पिछले वर्षों की तरह वास्तविक सफाई अभियान / गतिविधियों को अंजाम देने की है। यह पुराने कचरे की सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की गतिविधियों के लिए एक व्यापक सामुदायिक गतिशीलता अभियान है। इस वार्षिक अभियान के भाग के रूप में राज्य निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ गतिविधियों का आयोजन करेंगे: (i) सामुदायिक गतिशीलता और भागीदारी सुनिश्चित करना, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस गांवों के लिए एक “जन आंदोलन” (ii) “स्वच्छता हर किसी का कार्य है” इस अवधारणा को मजबूत करना और (iii) ग्राम स्तर पर स्वच्छ भारत दिवस (2 अक्टूबर) मनाना। यह स्थानीय निकायों के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, समुद्र तटों, पर्यटन स्थलों, चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यानों, सरकारी कार्यालयों जैसे अधिक भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाने का मार्ग प्रशस्त करता है। इन गतिविधियों में अलग-अलग स्थानों से कचरा हटाना, पुराने कचरे को साफ करना, कूड़ेदान, सार्वजनिक शौचालय, कचरा बिंदु, कचरा परिवहन वाहन आदि सभी स्वच्छता संपत्तियों की मरम्मत, पेंटिंग, सफाई और ब्रांडिंग करना शामिल होगा।
भारत स्वच्छता लीग (आईएसएल) का दूसरा संस्करण देश में छा जाने को तैयार है। युवाओं के नेतृत्व में आईएसएल का सीज़न 2 और भी ज्यादा रोमांचक और मज़ेदार स्वच्छता लीग वाला होगा। आईएसएल का लक्ष्य समुद्र तटों, पहाड़ियों और पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता का स्थायी स्वामित्व लेने के लिए बड़े पैमाने पर युवा समूहों को संगठित करना है। यह स्वच्छता लीग दरअसल स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा मुक्त शहरों के विज़न की दिशा में, शहर के युवाओं द्वारा एक्शन लेने में उत्प्रेरक का काम करेगी।
स्वच्छता पखवाड़ा समारोह के हिस्से के रूप में रविवार से देश भर के विभिन्न शहरों में सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों का उद्देश्य सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को संपन्न करना और उनकी भलाई तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इन शिविरों का उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) और प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) में सभी स्वच्छता कार्यकर्ताओं को लक्षित करना है। इसके अंतर्गत प्रमुख गतिविधियां जन जागरूकता, निवारक स्वास्थ्य जांच, योग शिविर और विभिन्न मंत्रालयों के साथ मिलकर केंद्रीय और राज्य योजनाओं के विभिन्न कल्याणकारी लाभ प्रदान करने पर केंद्रित होंगी।
अपने स्वागत भाषण में जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने एसएचएस 2023 के उद्देश्यों के बारे में बात की और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण और शहरों दोनों स्वच्छ भारत मिशनों के तंत्र से आग्रह किया कि संयुक्त रूप से ठोस प्रयास करते हुए पखवाड़े को अधिक से अधिक सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “एसबीएमजी ने लगभग 75 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस पखवाड़े के दौरान उसका लक्ष्य 90 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों का लक्ष्य हासिल करना है। एसबीएम मिशन के निदेशकों से आग्रह किया गया है कि वे गांव, ब्लॉक और जिलों में सफाई अभियान चलाने के लिए सामुदायिक गतिशीलता और स्वैच्छिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें।
इस पखवाड़े का समापन 2 अक्टूबर को स्वच्छता दिवस के साथ होगा। बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान के एक भाग के रूप में भारत सरकार के सभी मंत्रालय, सार्वजनिक उपक्रम, राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय विभिन्न स्थानों पर सफाई करने के लिए एक साथ आएंगे। इस दौरान जो योजनाबद्ध अंतर-क्षेत्रीय गतिविधियां होंगी उनमें पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पर्यटकों की भारी आवक वाले स्थलों/तीर्थ स्थलों की सफाई, रेलवे द्वारा ‘हर पटरी साफ सुथरी’ गतिविधियां, उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों, स्कूली छात्रों को एसएचएस गतिविधियों में शामिल करना, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत दो कचरापात्र और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई करना, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत चिड़ियाघरों/पार्कों की सफाई को प्राथमिकता देना और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के तहत राजमार्गों और आस-पास के क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाना शामिल हैं।
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