केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई उम्र के अपराधों से निपटने के लिए टेक्नो-लीगल ढांचे की आवश्यकता पर दिया जोर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,2 अप्रैल।
रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उभरते साइबर खतरों, डीपफेक और एआई-आधारित अपराधों से निपटने के लिए टेक्नो-लीगल ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया।

सीबीआई के 62वें स्थापना दिवस पर आयोजित 21वें डी.पी. कोहली मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए, मंत्री ने प्रौद्योगिकी और संस्थागत सहयोग के माध्यम से तेज जांच और प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

भारत की शैक्षिक और अनुसंधान क्षमता को उजागर करते हुए, वैष्णव ने सीबीआई से आग्रह किया कि वह विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ स्थापित करे। उन्होंने कहा कि सिर्फ कानूनी उपाय ही आधुनिक साइबर अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए कानून प्रवर्तन और तकनीकी नवाचारों को एकीकृत करने वाली समन्वित रणनीति आवश्यक है।

मंत्री ने भारत की विकास रणनीति के चार प्रमुख स्तंभों को रेखांकित किया:

  1. बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश – डिजिटल, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे का विस्तार।

  2. समावेशी विकास – वित्तीय समावेशन, आवास और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा।

  3. निर्माण एवं नवाचार – इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर जैसे उद्योगों को प्रोत्साहन।

  4. कानूनी ढांचे का सरलीकरण – पुरानी कानूनी व्यवस्थाओं को आधुनिक कानूनों से प्रतिस्थापित करना।

इस कार्यक्रम के दौरान 26 सीबीआई अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इस समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिसने बदलते अपराधों से निपटने में सीबीआई की महत्वपूर्ण भूमिका को फिर से पुष्ट किया।

Comments are closed.