देशव्यापी तटीय सफाई अभियान को लेकर केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बुलाई बैठक, बोले- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इसका नेतृत्व कर रहा है
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई, 2022 से शुरू किए गए देशव्यापी तटीय सफाई अभियान पर चर्चा के लिए देश के तटवर्ती राज्यों के केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों की बैठक बुलाई
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23जुलाई। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 5 जुलाई, 2022 से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी तटीय सफाई अभियान पर चर्चा करने के लि देश के तटीय राज्यों के केन्द्रीय मंत्रियों और संसद सदस्यों की आज एक बैठक बुलाई।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि यह एक जन अभियान है और इस अभियान को और मजबूत करने के बारे में हर किसी की राय मांगी, जिसने पहले ही जनता और राष्ट्र की कल्पना को पकड़ लिया है। उन्होंने कहा, ”पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इसका नेतृत्व कर रहा है, लेकिन साथ ही “सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण” को प्राप्त करने का प्रयास है।
मंत्रियों में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, विदेश राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बड़ी संख्या में मौजूद तटीय राज्यों के सांसदों के साथ बैठक में भाग लिया।
एक संक्षिप्त प्रस्तुति भी दी गई। अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने और 17 सितंबर 2022 को समुद्र तट के सफाई कार्य के लिए आम लोगों के बीच स्वैच्छिक पंजीकरण के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से एक मोबाइल ऐप “इको मित्रम” शुरू किया गया है। इस अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा कि प्लास्टिक का उपयोग हमारे समुद्री जीवन को कैसे नष्ट कर रहा है ताकि उनके व्यवहार में बदलाव लाया जा सके।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को बताया कि “स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर” के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 5 तारीख से शुरू किया गया 75 दिवसीय अभियान 17 सितंबर 2022 को “अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस” पर समाप्त होगा। उन्होंने कहा, 17 अप्रैल, जिस दिन संयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है और जिसे देश में “सेवा दिवस” के रूप में मनाया जाता है, देश भर के 75 समुद्र तटों पर समुद्र तट के प्रत्येक किलोमीटर के लिए 75 स्वयंसेवकों के साथ बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के साथ हो रहा है।
बैठक में सभी प्रतिभागियों ने 75,000 से अधिक लोगों, छात्रों, संगठित समूहों के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ-साथ पर्यावरण कार्यकर्ताओं की मदद से 17 सितंबर को समुद्र तटों से 1,500 टन कचरा मुख्य रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक हटाने का लक्ष्य प्राप्त करने के डा. जितेन्द्र सिंह के विचार का समर्थन किया।
यह भी याद किया गया कि 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने के प्रधानमंत्री के स्पष्ट आह्वान के अनुरूप, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने 12 अगस्त को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया और मंत्रालय ने 28 जून को घोषणा की कि भारत 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में पहचान की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाएगा, जिनकी कम उपयोगिता और कूड़ा फैलाने की क्षमता है।
मंत्रियों और सांसदों ने दुनिया में अपनी तरह के पहले और सबसे लंबे समय तक चलने वाले तटीय सफाई अभियान को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया और उन्होंने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को शामिल करके एक साइकिल रैली, छात्र रैली कराने की भी सलाह दी।
सभी संबंधित एजेंसियां वर्तमान तटीय सफाई अभियान के बारे में 200 से अधिक बंदरगाहों, मछली पकड़ने के स्थानों और 6100 लाइटहाउसों को जागरूक करने के लिए एक साथ आई हैं और उन्हें “अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस” को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर एकजुट होना चाहिए।
देश के सभी तटीय क्षेत्रों में मछली उतारने के केन्द्रों को तटीय स्वच्छता अभियान के साथ जोड़ा जा रहा है। 17 सितंबर को मछली उतारने के 75 केन्द्र सभी संसाधन जुटाकर सफाई अभियान में हिस्सा लेंगे।
केरल और तमिलनाडु के मंत्रियों और सांसदों ने मौजूदा मानसून के मौसम में भी तटीय सफाई मिशन को पूरा सहयोग देने का वादा किया। उन्होंने कहा, आने वाले हफ्तों में छात्रों के साथ स्वयंसेवकों को भी जुटाया जाएगा।
तटीय राज्यों से लोकसभा और राज्यसभा के कई सदस्य भी नेक सुझाव लेकर आए, जिन्हें केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने तटीय स्वच्छता अभियान के साथ जोड़ने का वादा किया।
अपने समापन भाषण में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मंत्रियों और सांसदों को 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का संबोधन याद दिलाया, जब उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया था, “पूज्य बापू को याद करते हुए, हमें घरों, गलियों, चौकों और नालों से सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्र करते हुए घर से बाहर निकलना चाहिए। नगर पालिकाओं, नगर निगमों, ग्राम पंचायतों को सिंगल यूज प्लास्टिक इकट्ठा करने की व्यवस्था करनी चाहिए। क्या हम भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाने की दिशा में 2 अक्टूबर को पहला बड़ा कदम उठा सकते हैं?” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टार्ट-अप संगठनों, तकनीशियनों और उद्यमियों से यह भी अनुरोध किया कि वह सोचें कि इस प्लास्टिक को पुर्नचक्रित (रीसाइकल) करने के लिए क्या किया जा सकता है और साथ ही लोगों से जूट और कपड़े के थैलों को बढ़ावा देने का आग्रह किया था।
इस अभियान का नेतृत्व अन्य सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), भारतीय तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), सीमा जागरण मंच, एसएफडी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), पर्यावरण संरक्षण गतिविधि (पीएसजी) कर रहे हैं ।
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