केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 10-चरणीय सीपीजीआरएएमएस सुधारों के सफल कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला, जिससे शिकायत निवारण संबंधी दक्षता में काफी सुधार हुआ

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8अगस्त। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि शिकायतों के निपटारे की गुणवत्ता में सुधार और शिकायत निवारण में लगने वाली समय सीमा को कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा वर्ष 2022 में 10-चरणीय सीपीजीआरएएमएस सुधार प्रक्रिया अपनाई गई थी।

पिछले तीन वर्षों के दौरान, सीपीजीआरएएमएस सुधारों ने समय सीमा को काफी कम करके और प्रतिक्रियाओं की गुणवत्ता में सुधार लाकर शिकायत निवारण के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इन सुधारों ने निम्नलिखित प्रमुख उपलब्धियां हासिल की हैं:

सीपीजीआरएएमएस का सार्वभौमिकरण: केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के सभी शिकायत पोर्टलों का एकीकरण, एक एकीकृत और कुशल प्रणाली का निर्माण।

विभिन्न भाषाओं में अनुवाद और समावेशिता: शिकायतों को विभिन्न भाषाओं में प्रस्तुत और उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करके, समावेशिता और आउटरीच को बढ़ावा देना।

फीडबैक कॉल सेंटर का संचालन: शिकायत निवारण प्रक्रिया में निरंतर सुधार सुनिश्चित करते हुए, नागरिकों से फीडबैक संकलित करने हेतु एक समर्पित कॉल सेंटर की स्थापना।

प्रौद्योगिकी संवर्धन: शिकायत निवारण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और अनुकूलित करने हेतु एआई, एमएल और उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना।

प्रदर्शन का मानकीकरण: विभिन्न संस्थाओं में शिकायत निवारण संबंधी प्रदर्शन को बेहतर बनाने और मानकीकरण करने हेतु शिकायत निवारण मूल्यांकन सूचकांक की शुरुआत।

क्षमता निर्माण: सेवोत्तम मॉडल के माध्यम से शिकायत अधिकारियों का प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, सेवा प्रदान करने के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना।

डेटा रणनीति इकाई: शिकायतों से संबंधित डेटा को रणनीतिक रूप से व्यवस्थित और प्रबंधित करने हेतु एक समर्पित इकाई का संचालन और डेटा-संचालित निर्णय लेना संभव बनाना।

नियमित दस्तावेजीकरण और सूचनाओं का प्रसार: प्रगति का दस्तावेजीकरण तथा हितधारकों को जानकारी प्रसारित करने वाली मासिक रिपोर्ट, जो पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में शिकायत निवारण के लिए 30 दिनों की समय सीमा निर्धारित की है और शिकायत निवारण के लिए लिया जाने वाला औसत समय निर्धारित नीतिगत दिशानिर्देशों के भीतर है।

उन्होंने बताया कि नागरिक भारत सरकार के प्रत्येक मंत्रालय/विभाग के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल www.pgportal.gov.in पर मंत्रालय/विभाग-वार सार्वजनिक शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। 31 जुलाई 2024 तक, कुल 26,22,426 नागरिक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर पंजीकृत हुए हैं और 1,01,209 शिकायत निवारण अधिकारी समय पर शिकायत निवारण के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर चिन्हित किए गए हैं। सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त अधिकांश लोक शिकायतों का निवारण 30 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है।

शिकायत निवारण की गुणवत्ता की निगरानी अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 10 क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में संचालित फीडबैक कॉल सेंटर के माध्यम से की जाती है। यदि नागरिक उन्हें प्रदान किए गए निवारण से संतुष्ट नहीं हैं, तो उनके लिए अगले स्तर के अधिकारी के समक्ष सीपीजीआरएएमएस में अपील दायर करने का विकल्प भी उपलब्ध है। नागरिकों के लिए सार्वजनिक शिकायतें दर्ज करने के लिए सीपीजीआरएएमएस कॉमन सर्विस सेंटरों और उमंग प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि ये सुधार आईआईटी कानपुर, आईआईटी मुंबई, सेंटर ऑफ गुड गवर्नेंस हैदराबाद, नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर, भाषिनी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्मार्ट गवर्नेंस, स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशंस, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, कॉमन सर्विस सेंटर और बीएसएनएल सहित विभिन्न प्रतिष्ठित ज्ञान भागीदारों के सहयोग से संभव हुए हैं।

इस प्रकार, 10-चरणीय सीपीजीआरएएमएस सुधारों ने भारत में शिकायत निवारण प्रणाली को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाया है, जिससे नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं और सरकार की जवाबदेही भी बढ़ रही है।

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