केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित लंच की मेजबानी की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 जुलाई। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपने आवास पर विभिन्न जाने-माने प्रकाशनों और चैनलों के प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारों के लिए आयोजित एक अनौपचारिक मीडिया लंच की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान और अनेक मौजूदा विषयों पर विचारों को साझा करने का अवसर मिला।
लंच मीटिंग में विचारों का जीवंत आदान-प्रदान हुआ, जिसमें पत्रकारों ने विभिन्न नीतिगत मामलों और समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखे। मंत्री ने उन क्षेत्रों पर प्रतिक्रिया मांगी जहां सहयोगात्मक प्रयासों से शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ावा मिल सकता है।
इस दौरान रचनात्मक संवाद का माहौल रहा, मंत्री महोदय ने अपने मंत्रालयों से संबंधित विभिन्न विषयों पर पत्रकारों से सीधे बातचीत की। इस संवादात्मक सत्र में सरकार की पहलों, आगामी विधायी प्राथमिकताओं, जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र के विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
अतिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “मुझे आज आप सभी से बातचीत करने का अवसर पाकर बहुत खुशी हो रही है। लोकतंत्र में पत्रकारों के रूप में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है और इस तरह की अनौपचारिक बातचीत एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने और हमारे साझा राष्ट्रीय लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए आवश्यक है।”
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जनता को सूचित करने और जनमत को आकार देने में मीडिया द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। मोदी सरकार 3.0 के नए सुधारों के बारे में पूछे जाने पर, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय भर्ती और शैक्षणिक संस्थान प्रवेश परीक्षाओं में बेईमानी से निपटने के लिए लागू किए गए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित तरीकों की रोकथाम) कानून 2024 पर प्रकाश डाला। और ऐसे मामलों में सरकार द्वारा शून्य सहिष्णुता और योग्यता के लिए महत्वाकांक्षा का आश्वासन दिया। डीओपीटी मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के कौशल और क्षमता निर्माण को उन्नत करके शासन में भूमिका परिवर्तन के नियम पर भी जोर दिया। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रचनात्मक आलोचना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष एवं पृथ्वी विज्ञान को कवर करने वाले पत्रकार भारत के अंतरिक्ष मिशन, गहरे समुद्र मिशन और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के बारे में जानना चाहते थे। मंत्री ने उन्हें वर्तमान घटनाक्रमों से अवगत कराया और इस बात पर प्रकाश डाला कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति और भी तेज गति से जारी रहेगी क्योंकि अनुसंधान एनआरएफ को सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के प्रयासों को सहयोग और तालमेल के लिए लाया गया है। उन्होंने निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किए जाने के बाद अंतरिक्ष क्षेत्र में मिली सफलता को याद किया। उन्होंने कहा कि केवल दो वर्षों में 200 अंतरिक्ष स्टार्टअप ने वैश्विक क्षमता के साथ अनेक शुरुआत की हैं। भारत की जैव-अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों में 13 गुना बढ़ी है जो 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है।
ऊर्जा सुरक्षा के संदर्भ में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि “भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता अगले 5 वर्षों में लगभग 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी”।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वरिष्ठ नागरिकों की चिंताओं के प्रति काफी संवेदनशील हैं और उनकी कल्पना को ध्यान में रखते हुए हमने पेंशन अदालतें शुरू की हैं और महिलाओं को सशक्त बनाया है। अविवाहित और तलाकशुदा बेटियों और विधवाओं को पेंशन के माध्यम से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने शासन में मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और शिकायतों के निवारण के बाद मंत्रालय द्वारा अपनाए गए मानवीय फीडबैक मॉडल को साझा किया।
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