केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कलाकार करुणा जैन की ‘वूमनौवरे’ चित्रों की एकल प्रदर्शनी का किया अवलोकन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16नवंबर।“वास्तव में चित्ताकर्षी! अप्रतिम कला में प्राचीनता से लेकर नवीनता तक विविध आयाम और विषयों को समाहित किया गया है”, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कलाकार करुणा जैन की पेंटिंग्स ‘वोमनौवरे’ की एकल कला प्रदर्शनी अवलोकन करते हुए ये टिप्पणी की। हरदीप सिंह पुरी ने अमूर्त से लेकर समकालीन और पारंपरिक लोक कला तक ऐक्रेलिक पेंटिंग में विविध विषयों पर आधारित मनमोहक चित्रकला के लिए करुणा जैन को बधाई दी।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी और भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक और वर्तमान में इंडिया हैबिटेट सेंटर (भारत पर्यावास केन्द्र) के निदेशक सुनीत टंडन ने भी प्रदर्शनी देखी।
नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर के कन्वेंशन हॉल फ़ोयर में 14 नवंबर की शाम को कोयला मंत्रालय (भारत सरकार) के सचिव अमृत लाल मीणा (आईएएस) ने इस प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। प्रदर्शनी 17 नवंबर 2023 तक चलेगी।
द्घाटन समारोह की सम्मानित अतिथि रसील गुजराल अंसल थीं, जो भारत के अग्रणी लाइफस्टाइल डिजाइनरों और कलाकारों में प्रमुख हैं। पद्म भूषण से सम्मानित कलाकार रसील चित्रकार सतीश गुजराल की बेटी हैं। रसील गुजराल अंसल कहा “कला और कलाकारों के परिवार से संबद्ध होने के कारण मैं जानती हूं कि अपनी कलाकृति को कम स्नेहिल आंखों के सामने प्रस्तुत करने के लिए कितना समर्पण और साहस चाहिए। कभी-कभी यह भी नहीं पता होता है कि इस पर कैसी प्रतिकिया आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि कलाकार सर्वाधिक निर्भय होते हैं जो न केवल सपने देखने की हिम्मत करते हैं बल्कि वे अपने सपने को हर किसी के साथ साझा करने के लिए तत्पर भी रहते हैं, भले ही वे उनके साथ सपने देखने के इच्छुक हों या नहीं। इसलिए मैं करुणा जैन को सपने देखने और उस सपने को प्रस्तुत करने का साहस दिखाने के लिए बधाई देना चाहती हूं।” रसील गुजराल ने यह भी साझा किया कि उनके पिता की विरासत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह था कि कैसे वह हमेशा युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करते थे और एक नए कलाकार के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने कहा- “मुझे लगता है कि आज यहां होने के बारे में मैं सोचती हूं और मैं अपने आप में आशान्वित हूं कि मैं विनम्रता से प्रोत्साहन की उस विरासत को जारी रख सकती हूं।
कलाकार विषय में
करुणा जैन की कलाकृति दिव्य प्रकृति और महिलाओं के साथ प्रकृति के गहन और सार्थक संबंध को उजागर करती है। उनकी पेंटिंग्स खूबसूरती से उस महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देती हैं जो महिलाएं ब्रह्मांड में सद्भाव लाने के लिए निभाती हैं, साथ ही जीवन में मौजूद अंतर्निहित सकारात्मकता को भी व्यक्त करती हैं। लेकिन कलाकार करुणा जैन की कलात्मकता इन विषयों को समाहित करने से कहीं आगे तक विस्तारित है। वह कला के मनोरम और विचारोत्तेजक चित्र प्रस्तुत करने के लिए अपनी रचनात्मकता की सीमाओं को लांघकर विषयों और तकनीकों की एक विस्तृत श्रृंखला की खोज करती है। इस यात्रा में उन्हें अनेक मंचों पर सराहा गया है और आर्टिस्ट ऑफ द ईयर और नारी गौरव सम्मान जैसे पुरस्कार दिए गए हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय जयपुर कला महोत्सव, नेशनल गॅलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, इंडिया हैबिटेट सेंटर, सिविल सेवा अधिकारी संस्थान, विनय मार्ग और कस्तुरबा गांधी मार्ग और सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र, द्वारका, नई दिल्ली अपनी कृतियों का प्रदर्शन किया है।
करूणा जैन विभिन्न प्रसिद्ध गैर सरकारी संगठनों के साथ अपनी भागीदारी के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा पर बल देती हैं। श्रवण-बाधित समुदाय तथा बच्चों की शिक्षा से संबंधित पहलों का समर्थन करती हैं उनके सशक्तिकरण के लिए काम करती हैं। रक्त दान जागरूकता अभियान को बढ़ावा देने के लिए सक्रिये रूप से जुड़ी हैं।
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