समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अगस्त: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को विपक्ष को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करती है और विपक्ष की बात सुनने के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन राष्ट्रहित से कभी भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है और इसके लिए हर निर्णय राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है।
नई दिल्ली के शंकर लाल ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा—
“हम विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार हैं, लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है 2047 तक विकसित भारत का निर्माण, और इसे पूरा करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
संसद में हंगामे का जिक्र
रिजिजू ने हाल ही में संसद में विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, जहां बहस और संवाद होना चाहिए, लेकिन विपक्ष अक्सर बाधा उत्पन्न करता है।
“सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्ष हंगामा करता है। हमने तीन हफ्तों तक कोई विधेयक पेश नहीं किया ताकि विपक्ष अपनी बात रख सके। लेकिन जब बहस का समय आता है, तो विपक्ष केवल शोरगुल करता है,” रिजिजू ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि विपक्ष के लगातार हंगामे के बावजूद सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं। उनके अनुसार, “विरोध और अवरोध में अंतर है। आप सरकार की नीतियों का विरोध कर सकते हैं, लेकिन संसद के कामकाज को बाधित करना लोकतंत्र के खिलाफ है।
सरकार का दृष्टिकोण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष को अपने सुझाव देने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर दल की आवाज महत्वपूर्ण होती है, लेकिन विपक्ष को केवल हंगामा करने के बजाय सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि विशेष गहन संशोधन जैसे मुद्दों पर सरकार ने हमेशा पारदर्शिता दिखाई है, फिर भी विपक्ष ने संसद में अनावश्यक विवाद खड़ा किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास प्राथमिकता
रिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर तेजी से मजबूत हो रहा है और इस समय किसी भी प्रकार का राजनीतिक अवरोध देशहित में नहीं है।
“हम राष्ट्र की सुरक्षा और विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। विपक्ष यदि बहस करेगा, तो सरकार उसकी बात सुनेगी, लेकिन हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर कभी समझौता नहीं करेंगे,” रिजिजू ने कहा।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद में लगातार हंगामे और अवरोध की वजह से कई विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई है। सरकार ने विपक्ष को बहस का न्योता दिया है, लेकिन टकराव की राजनीति जारी है। रिजिजू का संदेश साफ है कि सरकार विपक्ष की आवाज सुनेगी, परंतु राष्ट्रहित और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य किसी भी कीमत पर प्राथमिकता रहेगा।
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