केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश की शहरी विकास योजनाओं और बिजली क्षेत्र के परिदृश्य की समीक्षा की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 जुलाई। केन्द्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन में हिमाचल प्रदेश की शहरी विकास योजनाओं और बिजली क्षेत्र के परिदृश्य की समीक्षा की।
इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद थे। इस बैठक में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा बिजली मंत्रालय के अधिकारियों राज्य सरकार और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
इस बैठक में राज्य में वितरण क्षेत्र की पुनर्निर्मित योजना (आरडीएसएस) की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त, जल क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र सुधार, बिजली एवं विद्युत पारेषण के माध्यम से जीवन को आसान बनाने के लिए किए गए उपायों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। राज्य सरकार ने भी अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और प्रस्तुत मुद्दों पर सुझाव दिए।
अपने संबोधन में माननीय केन्द्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बैठक में आए सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य के उनके दौरे से मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और उनके समाधान में मदद मिलेगी।
उन्होंने बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार लाने और राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए बिजली वितरण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में आरडीएसएस की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत विद्युतीकरण के लिए स्वीकृत कार्यों का भी उल्लेख किया।
उन्होंने सलाह दी कि राज्य को आरडीएसएस के तहत स्वीकृत कार्यों को तेजी से पूरा करना चाहिए और उन्हें लागू करना चाहिए तथा एटीएंडसी घाटा 10 प्रतिशत से कम करने का प्रयास करना चाहिए और आपूर्ति की औसत लागत एवं प्राप्त औसत राजस्व के बीच के अंतर को समाप्त करना चाहिए ताकि डिस्कॉम और राज्य पर कम से कम वित्तीय बोझ पड़े। उन्होंने राज्य में बिजली आपूर्ति की प्रभावी निगरानी और सटीक लेखा-जोखा के लिए सिस्टम मीटरिंग कार्यों के कार्यान्वयन को प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सिस्टम मीटरिंग ऊर्जा के इस्तेमाल के कुशल विश्लेषण और उच्च हानि वाले क्षेत्रों की पहचान में एक लंबा रास्ता तय करेगी। उन्होंने जीवन को सुगम बनाने (ईओएल) के तहत की गई पहलों पर भी जोर दिया ताकि बिजली सेवाओं के संबंध में उपभोक्ता अनुभव में सुधार हो सके।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत की अपार संभावनाएं हैं, जिनका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए और केन्द्र तथा राज्य के संयुक्त प्रयासों से इस क्षमता का दोहन करने में काफी मदद मिलेगी, जिससे बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार ने 2030 तक सौर, पवन आदि जैसे गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें पंप भंडारण परियोजनाओं (पीएसपी) सहित जल विद्युत परियोजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने राज्य के समग्र विकास में भारत सरकार के निरंतर समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने शहरी विकास और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के संबंध में हिमाचल प्रदेश की समीक्षा के लिए चंडीगढ़ में केन्द्रीय मंत्री के दौरे का स्वागत किया। उन्होंने वितरण बुनियादी ढांचे के शीघ्र आवंटन और कार्यान्वयन के लिए आवश्यक उपाय करने का आश्वासन दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सिस्टम मीटरिंग से मिलने वाले लाभों को देखते हुए, आरडीएसएस के तहत इसके लिए कार्य प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कचरा प्रबंधन में सुधार के लिए कचरे को चारकोल उत्पाद में बदलने के विकल्प का पता लगाने के लिए एनटीपीसी को शामिल किया जा सकता है।
Productive discussions held between Union Minister @mlkhattar and Himachal Pradesh CM @SukhuSukhvinder at Himachal Bhawan, Chandigarh, focusing on enhancing regional collaboration and exploring joint development opportunities in Urban development and Power sector. pic.twitter.com/CRG1YYb60B
— Ministry of Power (@MinOfPower) July 19, 2024
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