समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जनवरी। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) दिल्ली परिसर का दौरा किया। सी-डॉट भारत सरकार के संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। यह रक्षा संचार और साइबर सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण अवसंरचना के लिए स्वदेशी, सुरक्षित दूरसंचार समाधानों को विकसित करने में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
अजय भट्ट ने सी-डॉट परिसर में वृक्षारोपण किया। इसके बाद, सी-डॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने विविध दूरसंचार उत्पाद पोर्टफोलियो/समाधानों और प्रमुख दूरसंचार सुरक्षा समाधानों जैसे सुरक्षा संचालन केंद्र (नेटवर्क में मैलवेयर का वास्तविक समय में पता लगाना), उद्यम सुरक्षा केंद्र (उद्यम स्तर पर सभी अंतिम बिंदुओं को कवर करते हुए दुर्भावनापूर्ण खतरों और हमलों का वास्तविक समय पर पता लगाना और उनको कम करना), क्वांटम कुंजी वितरण और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी पर उनके सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
अन्य समाधानों जैसे स्वदेशी रूप से विकसित 4जी कोर और 4जी आरएएन, 5जी कोर और 5जी आरएएन, सीएपी का उपयोग करके आपदा प्रबंधन समाधान, सेल प्रसारण केंद्र, ऑप्टिकल परिवहन और पहुंच समाधान, स्विचिंग और रूटिंग समाधान आदि को भी प्रस्तुत किया गया।
बाद में, सी-डॉट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) समाधान और संवाद, जो स्वदेशी रूप से विकसित एक मैसेजिंग और सेल प्लेटफॉर्म है, पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, आपदा प्रबंधन सीएपी (कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल) और उद्यम सुरक्षा संचालन केंद्र (ईएसओसी), डीडब्ल्यूडीएम और ओटीएन प्रयोगशाला, क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी), जीपीओएन/एनएमएस, 4जी/5जी प्रयोगशाला, ई-शिक्षा और सीएसएटी – फाई प्रयोगशाला, दूरसंचार सुरक्षा संचालन केंद्र और 5जी डेमो का प्रदर्शन किया गया।
अजय भट्ट ने दिल्ली परिसर के सी-डॉट में काम करने वालो के साथ-साथ बैंगलोर कार्यालय के सी-डॉट कर्मचारियों को भी संबोधित किया, जो सत्र में ऑनलाइन शामिल हुए थे। यह एक ज्ञानवर्धक बातचीत थी, जहां उन्होंने कहा कि ” दूरसंचार रक्षा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और मैं सी-डॉट और भारतीय रक्षा बलों के बीच सहयोग के कई क्षेत्रों को देखता हूं। सी-डॉट रक्षा स्वदेशीकरण का एक हिस्सा हो सकता है और वास्तव में रक्षा के क्षेत्र में दूरसंचार और साइबर सुरक्षा के बदलाव में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।” मंत्री महोदय ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र के लिए उपयुक्त सुरक्षित समाधानों और प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए सी-डॉट और रक्षा बलों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने संचार, साइबर सुरक्षा और साइबर युद्ध क्षेत्र में रक्षा बलों की आवश्यकताओं के साथ अपने अनुसंधान और विकास को जोड़कर सी-डॉट की बड़ी भूमिका पर बल दिया।
सी-डॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. उपाध्याय ने माननीय रक्षा राज्य मंत्री को उनके बहुमूल्य मार्गदर्शन और सी-डॉट के अभियंताओं को प्रेरित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र के लिए अनुकूलित अत्याधुनिक दूरसंचार सुरक्षा समाधान विकसित करने के प्रति सी-डॉट की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी कहा, ”सी-डॉट ने दूरसंचार के पूरे क्षेत्र में जबरदस्त काम किया है और ये काम जारी है, जिसमें दूरसंचार नेटवर्क की साइबर सुरक्षा भी शामिल है। मैं सी-डॉट और रक्षा एजेंसियों का एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का एक शानदार भविष्य देखता हूं। मैं सी-डॉट को उसके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।” उन्होंने कहा कि 2047 का भारत प्रौद्योगिकी के विकास और इसके उपयोग में विश्व गुरु होगा। नागरिक और रक्षा उपयोग के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन में सी-डॉट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सी-डॉट राष्ट्र को सर्वोच्च सम्मान की सेवा दे रहा है। मैं सी-डॉट को उसके सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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