केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने नई दिल्ली स्थित एम्स के 68वें स्थापना दिवस समारोह की, की अध्यक्षता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 सितंबर। “68 वर्षों के दौरान, एम्स वास्तव में देश के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में अपनी प्रतिष्ठा पर खरा उतरा है। आज भारत के प्रत्येक गांव का बच्चा भी एम्स के नाम से परिचित है।” यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने आज नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल की उपस्थिति में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 68वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
बघेल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के अनुसार लगातार छठे वर्ष एम्स, नई दिल्ली को चिकित्सा संस्थानों में पहला स्थान दिया गया है। प्रो. बघेल ने कहा कि एम्स आज एक ब्रांड बन चुका है और इसकी प्रतिष्ठा पूरे देश में फैल चुकी है। उन्होंने एम्स अधिकारियों को इस छवि को बनाए रखने और एम्स की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज भारत की अपने उच्च प्रशिक्षित मानव संसाधनों के कारण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में किसी भी विकसित देश से तुलना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में भी डॉक्टरों के मामले में भारतीयों का प्रतिशत अधिक है, जबकि देश पहले से ही अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमताओं, फार्मा उद्योगों और मेडटेक क्षेत्र में अपने नवाचारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत निवारक देखभाल के साथ ही समग्र स्वास्थ्य सेवा को भी बढ़ावा दे रहा है।
प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने एम्स में “एम्स: भारत की स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में अग्रणी” विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का दौरा किया और छात्रों को उनकी उपलब्धियों व योगदान के लिए पुरस्कृत किया। उन्होंने एम्स में छात्रों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया और उनसे अपनी जिम्मेदारियों को हमेशा याद रखने का आग्रह किया।
इस अवसर पर डॉ. वी.के. पॉल ने डायमंड जुबली भाषण दिया। उन्होंने भारत की कोविड-19 टीकाकरण की यात्रा पर प्रकाश डाला और उन्होंने इसे “आत्मनिर्भरता” और “आत्मविश्वास” की कहानी बताया। उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत बड़े पैमाने पर स्वदेशी टीकों और विदेशी टीकों दोनों के निर्माण में भारत की सफलता का उल्लेख किया।
डॉ. पॉल ने प्रशासन, लॉजिस्टिक्स, संचार रणनीति और टीका लगाने की शुरुआत किए जाने सहित भारत की व्यापक कोविड-19 टीकाकरण रणनीति पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत के 98 प्रतिशत लोगों को टीका भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से निःशुल्क लगाया गया।
डॉ. पॉल ने आगामी वर्षों में इन क्षेत्रों में भारत के प्रतिस्पर्धी लाभ को सुनिश्चित करने के लिए भारत के फार्मा, चिकित्सा और मेडटेक क्षेत्रों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास, नई दिल्ली स्थित एम्स की डीन प्रोफेसर मीनू बाजपेयी और नई दिल्ली के एम्स के रजिस्ट्रार प्रोफेसर गिरिजा प्रसाद रथ उपस्थित थे।
Comments are closed.