केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा की वर्चुअल मंत्रिस्तरीय बैठक में हुए शामिल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 मार्च। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री, पीयूष गोयल अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो, थाई उपप्रधान मंत्री और विदेश मंत्री पारनप्री बहिधा-नुकारा के साथ अन्य समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ) के साझेदार मंत्रियों के साथ इस वर्ष की अपनी पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल हुए।
स्तंभ II-IV पर आभासी मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान, आईपीईएफ भागीदारों ने नवंबर 2023 में हुई बैठक में प्रस्तावित आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते (स्तंभ III), आईपीईएफ निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते (स्तंभ IV) और समझौते पर नवंबर 2023 में हुई बैठक में वार्ता के पर्याप्त निष्कर्ष के बाद से हुई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत किया। आईपीईएफ भागीदारों ने तीन प्रस्तावित समझौतों पर आगे चल रहे सहकारी कार्यों पर भी चर्चा की।
इसके अतिरिक्त, भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा के साझेदारों ने 24 फरवरी 2024 से आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते के लागू होने का स्वागत किया। प्रस्तावित स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते,निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते और आईपीईएफ पर समझौते के पाठ भी इस दौरान सार्वजनिक किए गए।
मंत्रिस्तरीय सभा को संबोधित करते हुए, पीयूष गोयल ने विभिन्न आईपीईएफ स्तंभों के अंतर्गत सभी कार्य-उन्मुख सहयोगी तत्वों के शीघ्र कार्यान्वयन का आह्वान किया। स्तंभ- II (आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन) समझौते पर, जो 24 फरवरी 2024 को लागू हुआ, पीयूष गोयल ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की वैश्विक उत्पादन क्षमताओं पर प्रकाश डाला, जो आईपीईएफ भागीदारों के लिए आपूर्ति विविधीकरण के अवसर प्रदान करते हैं। ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर निशुल्क बिजली योजना’ को एक ऐसी ही परियोजना के रूप में रेखांकित करते हुए, जो न केवल स्वच्छ अर्थव्यवस्था के उद्देश्यों को आगे बढ़ाती है, बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक गुणक प्रभाव भी उत्पन्न करती है, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आईपीईएफ के भागीदारों के निवेशकों को इसमें निवेश करने और ट्रिलियन डॉलर से अधिक की इस परियोजना ऐसे अवसर से लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया जिसे भारत ने स्वच्छ अर्थव्यवस्था क्षेत्र में प्रदान किया है।
आईपीईएफ भागीदारों ने अगले कई महीनों में फ्रेमवर्क के अंतर्गत ठोस परिणाम देने के लिए अगले कदमों पर भी चर्चा की। इसमें स्वच्छ अर्थव्यवस्था स्तंभ के अंतर्गत प्रयास की कई नई लाइनें शामिल हैं, जिसमें चार नए सहकारी कार्य कार्यक्रमों (सीडब्ल्यूपी) का शुभारंभ, और यह घोषणा करना कि प्रारम्भिक आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम 05-06 जून 2024 को सिंगापुर में आयोजित किया जाएगा, इसके अतिरिक्त आईपीईएफ उत्प्रेरक पूंजी कोष पर अधिकाधिक विवरण प्रदान करना शामिल है ।
आईपीईएफ भागीदारों ने आगे घोषणा की कि आपूर्ति श्रृंखला समझौते, स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते, निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते और आईपीईएफ पर समझौते के लिए चर्चा करने के उद्देश्य से सभी मंत्री 06 जून 2024 को सिंगापुर में व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे।
नवंबर 2023 में तीन प्रस्तावित समझौतों की बातचीत के ठोस निष्कर्ष के बाद, आईपीईएफ भागीदारों ने एक गहन कानूनी समीक्षा भी की, जिसमें 19-23 फरवरी 2024 के दौरान वाशिंगटन, डी.सी. में आयोजित एक व्यक्तिगत दौर भी शामिल था। कानूनी समीक्षा प्रक्रिया पूरी करने के बाद आईपीईएफ साझेदारों ने आज तीन प्रस्तावित समझौतों के पाठ को अंतिम रूप देने के साथ एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया। आईपीईएफ भागीदार अब इन समझौतों पर हस्ताक्षर की तैयारी के लिए अपनी-अपनी घरेलू प्रक्रियाएं अपनाएंगे, जिसके बाद समझौतों की स्वीकृति, इनका अनुमोदन या अनुसमर्थन (रैटिफिकेशन) होगा।
आईपीईएफ स्तंभों और समझौतों में पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में सहायता करने के साथ-साथ चल रहे आर्थिक सहयोग के लिए दीर्घकालिक ढांचे की स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए, आईपीईएफ पर प्रस्तावित समझौता दो मंत्री-स्तरीय निकायों की स्थापना करता है, जिनमें से प्रत्येक की वार्षिक बैठक होगी: पहली आईपीईएफ परिषद, जो आईपीईएफ समझौतों और समग्र ढांचे के सामूहिक संचालन को प्रभावित करने वाले ऐसे मामलों पर विचार करेगी, जिसमें नए समझौतों पर बातचीत और नए सदस्यों के शामिल होने के प्रस्ताव शामिल हैं; साह ही क्रॉस-कटिंग तालमेल की पहचान करने और काम के दोहराव से बचने के उद्देश्य से आपूर्ति श्रृंखला समझौते, स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते के अंतर्गत काम की निगरानी के लिए एक संयुक्त आयोग होगा ।
स्तंभ II: भारत-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण
नवंबर 2023 में आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, पांच भागीदारों द्वारा अनुसमर्थन, स्वीकृति या अनुमोदन के अपने दस्तावेज जमा करने के बाद यह समझौता 24 फरवरी 2024 को लागू हुआ। आईपीईएफ भागीदार अब समझौते को क्रियान्वित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें समझौते के तीन निकायों (आपूर्ति श्रृंखला परिषद, संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड) में अपने प्रतिनिधियों को नामित करना, अध्यक्षों का चुनाव करना तथा प्रत्येक के लिए संदर्भ की शर्तों को अपनाने के साथ ही समझौते के तहत सहयोग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों और प्रमुख वस्तुओं की उनकी संबंधित प्रारंभिक सूचियों की पहचान करना शामिल है।
स्तंभ III: स्वच्छ आईपीईएफ अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन में तेजी लाने के लिए सहयोग करना
आईपीईएफ भागीदारों ने नवंबर 2023 में प्रस्तावित स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते की वार्ता के पर्याप्त निष्कर्ष के बाद से स्तंभ III पर प्रगति पर चर्चा की। आईपीईएफ भागीदारों ने 05-06 जून 2024 को सिंगापुर में होने वाले आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम के उद्घाटन का स्वागत किया। यह फोरम इस क्षेत्र के कुछ सबसे बड़े निवेशकों और परोपकारियों को सरकारी एजेंसियों के अतिरिक्त नवोन्मेषी कंपनियों और उद्यमियों के साथ लाएगा ताकि क्षेत्र में जलवायु-संबंधी बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं के लिए बढ़ा हुआ निवेश जुटाया जा सके। ये निवेश प्रस्तावित स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते में निर्धारित 14 आईपीईएफ भागीदार देशों के लक्ष्यों को और आगे बढ़ाएंगे।
आईपीईएफ भागीदारों ने स्तम्भ (पिलर) III स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते के अंतर्गत आईपीईएफ उत्प्रेरक पूंजी कोष के लिए प्रारंभिक अनुदान निधि में 3 करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान करने की योजना की भी घोषणा की। यह कोष आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते की भागीदार आईपीईएफ अर्थव्यवस्थाओं में जलवायु बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए निजी निवेश में 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक के निवेश उत्प्रेरित करने में सहायक होंगे। इस कोष के संस्थापक समर्थकों में ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। निजी अवसंरचना विकास समूह उच्च गुणवत्ता, लचीली और समावेशी जलवायु अवसंरचना परियोजनाओं की श्रृंखला का विस्तार करने के लिए रियायती वित्तपोषण, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण सहायता तैनात करने के लिए फंड का प्रबंधन और उससे लाभ उठाएगा।
इसके अतिरिक्त आईपीईएफ भागीदारों ने मई 2023 में घोषित हाइड्रोजन पर क्लाउड वर्कलोड ऑन प्रोटेक्शन (सीडब्ल्यूपी) के साथ-साथ संभावित नए सीडब्ल्यूपी का भी जायजा लिया। प्रस्तावित समझौते के अंतर्गत सीडब्ल्यूपी एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से आईपीईएफ भागीदार या भागीदारों का एक समूह एक सामान्य लक्ष्य पर अपने ध्यान और संसाधनों को प्राथमिकता देता है। हाइड्रोजन पर, उन इच्छुक आईपीईएफ भागीदारों ने पहल को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान से संबंधित कार्यधाराएं स्थापित करना और हाइड्रोजन और उसके वाहकों की कार्बन तीव्रता पर अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा विकसित पद्धतियों के साथ ही सीमा पार पायलट कार्यक्रमों और प्रदर्शन परियोजनाओं, मानकों और प्रमाणपत्रों पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना शामिल है।
आईपीईएफ साझेदारों ने साझेदारों द्वारा रखे गए प्रस्तावों के आधार पर चार नए सीडब्ल्यूपीएस की भी घोषणा की:
• कार्बन बाजारों पर, इच्छुक आईपीईएफ साझेदार शुरू में मौजूदा क्षेत्रीय कार्बन बाजार की प्राथमिकताओं को समझने और सहयोग के लिए सक्षम स्थितियों में सुधार के लिए रणनीतियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं;
• इच्छुक आईपीईएफ साझेदार सार्वजनिक-निजी सहयोग सहित इस क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाने और डीकार्बोनाइजेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वच्छ बिजली वृद्धि पर भी काम कर रहे हैं;
• रोजगार सृजन और श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने तथा स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में रोजगार बदलाव को संबोधित करने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए, इच्छुक आईपीईएफ भागीदार स्वच्छ अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की दिशा में उचित परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल विकास प्रयासों को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं; एवं
• इच्छुक आईपीईएफ भागीदार टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) और उसके कच्चे माल (फीडस्टॉक्स) की उपलब्धता और सामर्थ्य बढ़ाने के लिए टिकाऊ विमानन ईंधन (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल -एसएएफ) पर सहयोग करेंगे, ताकि इस क्षेत्र में क्षेत्रीय एसएएफ मूल्य श्रृंखलाओं को उत्प्रेरित और विकसित किया जा सके।
भारत ने कुछ विशिष्ट सहकारी कार्य कार्यक्रम भी प्रस्तावित किए हैं और उन्हें शीघ्र अपनाने के लिए वह आईपीईएफ भागीदारों के साथ काम कर रहा है।
स्तंभ IV: व्यावसायिक वातावरण में पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता (प्रेडिक्टेबिलिटी) को बढ़ाना
आईपीईएफ भागीदारों ने अधिक पूर्वानुमानित और पारदर्शी कारोबारी वातावरण को बढ़ावा देने एवं भागीदारों के बीच अधिक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए प्रस्तावित स्तंभ IV निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते के अंतर्गत शीघ्र परिणाम देने के तरीकों पर भी चर्चा की। स्तंभ IV समझौते से भागीदारों के बीच सूचना साझा करने में वृद्धि, संपत्ति की वसूली की सुविधा और सीमा पार जांच (इन्वेस्टिगेशन) और अभियोजन (प्रोसीक्यूशन) को मजबूत करने की सम्भावना है। यह भ्रष्टाचार, धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ भारत की लड़ाई में भी सहायता करेगा।
प्रस्तावित समझौते में निर्धारित प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन और प्रवर्तन को सुनिश्चित करने और पारदर्शिता कर प्रशासन में सुधार पर तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण (टीएसीबी) की महत्वपूर्ण भूमिका और भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों और कर प्रशासन की दक्षता को मजबूत करने के लिए टीएसीबी पहल को लागू करने की मान्यता में, भागीदार पहचान जारी रखने के लिए तत्पर हैं।
भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ) के बारे में
भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) को मई 2022 में शुरू किया गया था, जिसमें 14 क्षेत्रीय साझेदारों – ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम को आर्थिक सहयोग के एक नए के अंतर्गत मॉडल एक साथ लाया गया था। आईपीईएफ वार्ता 2022 के अंत में शुरू हुई। मई 2023 में, आईपीईएफ भागीदारों ने अपनी तरह के पहले आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते के लिए वार्ता के पर्याप्त निष्कर्ष की घोषणा की। नवंबर 2023 में, आईपीईएफ के भागीदारों ने प्रस्तावित आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौतों के साथ-साथ ढांचे के स्थायित्व को सुनिश्चित करने में सहायता करने के लिए आईपीईएफ पर एक प्रस्तावित व्यापक समझौते पर वार्ता के पर्याप्त निष्कर्ष की घोषणा की और आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते के लिए एक हस्ताक्षर समारोह का आयोजन किया।
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