पीएम मोदी की भेजी हुई चादर लेकर दरगाह निजामुउद्दीन पहुंचे केंद्रीय मंत्री रिजिजू, अब अजमेर होंगे रवाना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,3 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू दिल्ली की मशहूर दरगाह निजामुद्दीन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दरगाह में हाजिरी दी और प्रधानमंत्री की ओर से भेजी गई चादर को चढ़ाया। यह एक धार्मिक और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक था, जिसे विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के बीच सम्मान और भाईचारे के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।

दरगाह निजामुद्दीन में हाजिरी

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर चढ़ाई। दरगाह पर पहुंचने के बाद उन्होंने पहले धार्मिक रिवाजों के तहत माथा टेका और फिर चादर को दरगाह में चढ़ाया। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से देशवासियों की सलामती और समृद्धि के लिए दुआ की।

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने इस अवसर पर कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भेजी गई यह चादर दरगाह निजामुद्दीन के श्रद्धालुओं के प्रति एक श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। प्रधानमंत्री की यह पहल सांप्रदायिक सौहार्द्र और धार्मिक एकता को बढ़ावा देने के लिए है।”

अजमेर की ओर रवाना होंगे केंद्रीय मंत्री

दरगाह निजामुद्दीन में चादर चढ़ाने के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि वह अजमेर शरीफ की दरगाह पर भी जाएंगे, जहां वह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भेजी गई चादर चढ़ाएंगे। अजमेर शरीफ दरगाह भारत के प्रमुख सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है और वहां की चादर चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चल रही है।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ओर से भेजी गई चादर के माध्यम से धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश दिया है। उनका मानना है कि इस तरह के आयोजनों से समाज में भाईचारे और एकता को बढ़ावा मिलता है। यह पहल इस बात का भी प्रतीक है कि भारत की विविधता में एकता है, जहां विभिन्न धर्म और पंथों के लोग मिलकर शांति और सामूहिक समृद्धि के लिए काम करते हैं।

केंद्रीय मंत्री रिजिजू का दृष्टिकोण

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर इस प्रकार की पहल से न केवल देश की सांस्कृतिक विविधता को सम्मान मिलता है, बल्कि यह हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दिखाए गए नेतृत्व की परिभाषा है। इससे एक सकारात्मक संदेश जाता है कि हम सभी मिलकर एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।”

धार्मिक और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक

यह कदम न केवल धार्मिक समन्वय को बढ़ावा देता है, बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चल रही उन नीतियों का भी उदाहरण है, जो देश के विभिन्न समुदायों के बीच बेहतर समझ और भाईचारे को बढ़ावा देती हैं। इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि भारत में धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

पीएम मोदी की ओर से भेजी गई चादर का यह कदम न केवल भारत की सांप्रदायिक एकता को प्रगति देने वाला है, बल्कि यह दर्शाता है कि धार्मिक स्थलों पर एकता, भाईचारे और सम्मान की भावना को बल दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का यह कदम प्रधानमंत्री की दृष्टि और देश के लिए उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अब अजमेर शरीफ दरगाह पर भी चादर चढ़ाने के बाद यह संदेश और भी मजबूत होगा कि भारत की विविधता में एकता को सम्मान देना चाहिए।

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