केंद्रीय मंत्री संजय सेठ को मिली धमकी: बदमाशों ने मांगी 50 लाख रुपये की फिरौती

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 दिसंबर।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री संजय सेठ को बदमाशों द्वारा धमकी भरा मैसेज भेजा गया है, जिसमें उनसे 50 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई है। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। धमकी भरा यह मैसेज मंत्री के निजी मोबाइल नंबर पर भेजा गया, जिसमें फिरौती न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।

घटना का विवरण

संजय सेठ, जो केंद्र सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री हैं, को यह मैसेज उस समय मिला जब वे अपने कार्यालय में थे। संदेश में बदमाशों ने पैसे न देने पर जान-माल को नुकसान पहुंचाने की चेतावनी दी है। यह घटना उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई

मंत्री को धमकी मिलने के बाद मामला तुरंत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में लाया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह मैसेज एक अज्ञात नंबर से भेजा गया था। पुलिस ने मैसेज भेजने वाले का पता लगाने के लिए साइबर सेल को सक्रिय कर दिया है।

“हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करेंगे,” पुलिस अधिकारी ने कहा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं ने संजय सेठ को मिल रही धमकी की निंदा की है और उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। कई नेताओं ने इसे देश में कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया है।

सुरक्षा को लेकर सवाल

इस तरह की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर क्यों केंद्रीय मंत्रियों और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। यह घटना यह भी दिखाती है कि बदमाश अब डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर धमकियां देने और डराने की कोशिश कर रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

इस मामले ने आम जनता के बीच भी चिंता पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे नेताओं के खिलाफ बढ़ती अपराधी गतिविधियों का संकेत बताया है।

निष्कर्ष

केंद्रीय मंत्री संजय सेठ को मिली धमकी ने देश में बढ़ते साइबर अपराध और नेताओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले को जल्द सुलझाकर दोषियों को कानून के कठघरे में लाना होगा। यह घटना देश में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर देती है।

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