केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी आज “लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” का करेंगी शुभारंभ

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 नवंबर। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” का शुभारंभ करेंगी।

“लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी), राष्ट्रीय लिंग एवं बाल केंद्र (एनजीसीसी), मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) द्वारा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और संयुक्त राष्ट्र महिला के समर्थन में एक सहयोगी प्रयास है।

‘नारी शक्ति’ को और ज्यादा मजबूती प्रदान करने के सरकार के लक्ष्य के साथ, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के पहल में अग्रणी बना हुआ है और लिंग-समावेशी संचार मार्गदर्शिका पर केंद्र सरकार की यह यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।यह एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समर्पण को दर्शाता है, जहां महिलाएं न केवल राष्ट्र के विकास के योगदान में समान भागीदार बनें, बल्कि प्रधानमंत्री की व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप, ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ की दिशा में एक आदर्श बदलाव भी साबित हों।

स्मृति जुबिन ईरानी इस अवसर पर श्रोताओं को संबोधित करेंगी। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास एवं आयुष राज्य मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई; सचिव (महिला एवं बाल विकास), निदेशक एलबीएसएनएए, कंट्री प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र महिला एवं कंट्री डायरेक्टर, बीएमजीएफ भी उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के अधिकारी, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के विशेषज्ञ, एनसीपीसीआर के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी ने अपने अथक प्रयासों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि लैंगिक समानता हमारी रोजमर्रा की प्रशासनिक पहुंच का एक अभिन्न अंग बन सके। अकादमी में सिविल सेवकों का प्रशिक्षण भी लैंगिक समानता प्रशासनिक ढांचे का संस्थागतकरण पर केंद्रित है। एलबीएसएनएए का उद्देश्य लिंग-समावेशी माहौल का निर्माण करना और उस अंतर्दृष्टि को शामिल करना और उपयोग करना है। यह सहयोगात्मक प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि दिशा-निर्देश में उल्लिखित सिद्धांत प्रशासनिक प्रथाओं का एक व्यावहारिक और अभिन्न घटक बन सकें, जो लिंग-समावेशी और सशक्त राष्ट्र को बढ़ावा देने के लिए एमडब्ल्यूसीडी की प्रतिबद्धता को और ज्यादा मजबूत कर सकें। यह व्यापक दृष्टिकोण देश में ज्यादा न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के प्रति मंत्रालय के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Comments are closed.