संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप की यात्रा में तकनीकी गड़बड़ी पर विवाद, राष्ट्रपति ने जांच और गिरफ्तारी की मांग की
समग्र समाचार सेवा
संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंगलवार की यात्रा में तकनीकी और सुरक्षा संबंधित समस्याओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनसनी मचा दी। ट्रंप ने इसे “त्रि-स्तरीय साजिश” करार दिया और जांच तथा दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
ट्रंप ने Truth Social पर बुधवार को लिखा, “यह कोई संयोग नहीं था, यह संयुक्त राष्ट्र में त्रिगुण साजिश थी।” उनके अनुसार, उनकी लगभग एक घंटे की भाषण के दौरान तीन प्रमुख घटनाएं हुईं – लिफ्ट और एस्केलेटर का अचानक रुक जाना, टेलीप्रॉम्प्टर का काम न करना, और साउंड सिस्टम में खराबी।
राष्ट्रपति और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप जब जनरल असेंबली हॉल में जाने वाले डेलीगेट्स एस्केलेटर पर थे, तब यह अचानक रुक गया। ट्रंप ने कहा, “यह चमत्कार है कि मैं और मेलानिया अग्रभाग पर इस तेज स्टील सीढ़ियों पर गिरने से बचे। हमने दोनों ने हैंडरेलों को मजबूती से पकड़ा था, नहीं तो यह बड़ी आपदा हो सकती थी।”
ट्रंप ने इसके लिए जिम्मेदारों की गिरफ्तारी की मांग की और कहा, “सभी सुरक्षा कैमरे और इमरजेंसी स्टॉप बटन की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाए।”
संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि व्हाइट हाउस का एक वीडियोग्राफर, जो ट्रंप को फिल्म कर रहा था, पीछे की ओर चलते समय एस्केलेटर का “बिल्ट-इन सेफ्टी मैकेनिज्म” सक्रिय कर बैठा, जिससे यह अचानक रुक गया।
ट्रंप के भाषण की शुरुआत में टेलीप्रॉम्प्टर भी काम नहीं कर रहा था। वह बोले, “जो भी इसे चला रहा है, उसे बड़ी मुसीबत होगी।” इसके अलावा, साउंड सिस्टम भी ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिससे मेलानिया ने भी उन्हें नहीं सुन पाया।
सचिवालय ने बताया कि एस्केलेटर हमेशा चालू रखा जाता है, जबकि अन्य लिफ्टें कभी-कभी बजट या रख-रखाव कारणों से बंद रहती हैं। मंगलवार को सचिवालय की एक लिफ्ट पूरी तरह से बंद थी।
ट्रंप ने अपनी शिकायत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भेजी, जिनके प्रवक्ता स्टेफ़न डुजारिक ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और संयुक्त राष्ट्र अमेरिकी अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग करेगा।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने इसे वैश्विक स्तर पर एक गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि यह केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि “साजिश” थी।
इस तरह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा तकनीकी गड़बड़ियों और विवादों के कारण चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
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