6 सालों में कृषि क्षेत्र में असीमित सुधार किए गए, बजट भी बढ़ाः मोदी

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली24 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बजट के प्रावधानों को लेकर चर्चा की। इस दौरान वीसी में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए। चर्चा के दौरामन पीएम मोदी ने कहा कि बीते 7 सालों में हमने बीज से बाजार तक अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की हैं, पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। इसी के साथ बताया कि सिर्फ 6 सालों में कृषि बजट कई गुना बढ़ा है। साथ ही कहा कि किसानों के लिए कृषि लोन में भी 7 सालों में ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है।

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए 7 कदम सुझाए

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट किसानों को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए 7 कदम सुझाता है। पहला गंगा नदी के तट के 5 किमी के दायरे में प्राकृतिक खेती को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य है। दूसरा कृषि और बागवानी किसानों को आधुनिक टेक्नॉलॉजी उपलब्ध कराई जाएगी। तीसरा खाद्य तेल आयात में कमी के लिए तिलहन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए।ब जट का चौथा लक्ष्य पीएम गति शक्ति के तहत खेती से संबंधित उपज के परिवहन के लिए एक नई लॉजिस्टिक सुविधा तैयार करना है। पांचवां समाधान दिया गया है कि एग्री-वेस्ट मेनेजमेंट को अधिक व्यवस्थित किया जाएगा, वेस्ट टू एनर्जी के उपायों से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। छठा सॉल्यूशन है कि देश के डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस में रेगुलर बैंकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी, ताकि किसानों को परेशानी ना हो।

ऑर्गेनिक खेती के बारे में प्रधानमंत्री ने की बात

वहीं चर्चा में ऑर्गेनिक खेती के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के कारण आज ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बाजार भी अब 11 हजार करोड़ का हो चुका है। इसका निर्यात भी 6 वर्षों में 2 हजार करोड़ से बढ़कर 7 हजार करोड़ हो रहा है। इसी के साथ चर्चाओं को आगे बढ़ाते हुए पीएम ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। किसान ड्रोन्स का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग इसी बदलाव का हिस्सा है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी एक स्केल पर तभी उपलब्ध हो पाएगी जब हम एग्री स्टार्टअप्स को प्रमोट करेंगे।

फूड प्रोसेसिंग में दिया जा रहा बढ़ावा

यूएई के साथ की गई डील के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कुछ दिन पहले यूएई के साथ कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं, इसमें फूड प्रोसेसिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए भी कई अहम फैसले लिए गए हैं। वहीं पराली के मुद्दे पर पीएम मोदी ने काह कि इसका प्रबंधन किया जाना जरूरी है। इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं, जिससे कार्बन एमीशन भी कम होगा और किसानों की आय भी होगी।

भारत के प्राकृतिक जूसों को प्रमोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में इन्नोवेशन और पैकेजिंग दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर और ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। फलों की पैकेजिंग में हमारे कॉर्पोरेट हाउस और एग्री स्टार्टअप्स को बड़ी संख्या में आगे आना चाहिए। वो इसमें किसानों की मदद करें और इस दिशा में अपनी योजनाएं बनाएं। फलों के जूस की पैकेजिंग का बहुत महत्व है, ऐसी पैकेजिंग जिससे प्रोडक्ट की आयु लंबी हो। इस ओर काम किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि हमारे यहां इतनी विविधता वाले फल होते हैं। हमें बाहर की नकल करने की बजाए भारत के प्राकृतिक जूसों को प्रमोट करना चाहिए।

कॉरपोरेट जगत कृषि सुधार के लिए आगे आए

नई व्यवस्था को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे कॉरपोरेट जगत को ऐसी व्यवस्थाएं बनाने के लिए आगे आना चाहिए, जिसमें खेती से जुड़े उपकरणों को किराए पर देने की सुविधा हो। हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता के साथ ही ऊर्जादाता बनाने के लिए बड़ा अभियान चला रही है, देशभर के किसानों को सोलर पंप वितरित किए जा रहे हैं।

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