समग्र समाचार सेवा
इस्लामाबाद, 23 जून: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शनिवार को एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें ईरान और अमेरिका के बीच जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिली। यह बैठक एक तरफ अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी के बाद स्थित तनाव को लेकर आयोजित की गई थी। दोनों प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे पर कड़ी टिप्पणियां कीं तथा ईरान ने अमेरिका को कार्यवाही की चेतावनी दी।
Full remarks from Israel’s ambassador to the UN, Danny Danon:
The ambassador thanks the US and President Trump for standing up for the free world by removing an existential threat.
He asks the world, “Where were you when Iran raced for the bomb? Why were you so silent when the… pic.twitter.com/ErPv9uipOZ
— Open Source Intel (@Osint613) June 22, 2025
“Armed attacks on nuclear facilities should never take place & could result in radioactive releases with grave consequences.”
– @iaeaorg chief @rafaelmgrossi tells Security Council, repeating call for maximum restraint amid escalation in the Middle East.https://t.co/bIacyFmHDE pic.twitter.com/wGdNiHelok
— United Nations (@UN) June 22, 2025
अमेरिका का रुख: “परमाणु खतरों को रोका जाए”
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत डोरोथी केमिली शिया ने कहा कि अमेरिकी हमले का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था। उनका कहना था:
“यह ऑपरेशन इजरायल की रक्षा में सहायता करने के लिए चलाया गया, क्योंकि ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर रखी थीं।”
शिया ने आरोप लगाया कि पिछले कई दशकों में मिडिल ईस्ट के हिंसात्मक संघर्षों की नींव ईरानी गतिविधियों में निहित है। साथ ही दावा किया गया कि ईरान और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौतों के पीछे ईरान का हाथ है।
ईरान का जवाब: “अवैध आक्रमण, बुरा होगा अंजाम”
इसके जवाब में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने इसे “घोर अपराधिक कार्रवाई” करार दिया। उन्होंने कहा:
“अमेरिका ने कूटनीति की नींव को ही ध्वस्त कर दिया है। अब हम भी करारा जवाब देंगे। यह हमला अमेरिका के राजनीतिक इतिहास पर बड़ा कलंक है।”
इरावानी ने कहा कि अमेरिका, जो खुद परमाणु बम गिराने वाला एकमात्र राष्ट्र है, उसे दूसरों पर परमाणु कार्यक्रम का इल्जाम लगाना बताता है कि वे खुद अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र संस्था का संकट
UNSC की बैठक इस बात का प्रमाण है कि शांतिपूर्ण समाधान पर भरोसा करारा झटका खा रहा है। इससे पहले अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला करके क्षेत्रीय स्थिरता पर ताल ठोक दी है। ईरान की तरफ से पलटवार और अमेरिकी हठधर्मिता ने दोनों देशों के बीच तनातनी गतिरोध को बढ़ा दिया है।
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