जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर हंगामा: लगातार तीसरे दिन विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 नवम्बर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर तीखी बहस और हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले तीन दिनों से जारी इस मुद्दे पर तनाव इतना बढ़ गया कि सदन में विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई की नौबत आ गई। अनुच्छेद 370, जो कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था, को हटाने का मुद्दा अभी भी राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहा है और इस पर अलग-अलग राजनीतिक दलों की विभिन्न राय होने के कारण सदन का माहौल लगातार गर्म बना हुआ है।

अनुच्छेद 370 पर बवाल की शुरुआत

इस बहस की शुरुआत तब हुई जब कुछ विपक्षी दलों के विधायकों ने अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग की। उनका तर्क था कि अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू-कश्मीर के विशेष अधिकार और पहचान को नुकसान पहुंचा है और इससे स्थानीय जनता में असंतोष बढ़ा है। दूसरी ओर, सरकार के समर्थक दलों का कहना है कि अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण हुआ है और यह कदम राज्य के विकास और सुरक्षा के लिए जरूरी था।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही प्रभावित

लगातार तीसरे दिन इस मुद्दे पर बहस इतनी तीखी हो गई कि सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। विपक्षी दलों के कुछ विधायक जबरदस्त नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए, जिससे अन्य विधायकों के साथ उनकी धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ विधायकों के बीच हाथापाई की भी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके चलते सदन के मार्शल्स को हस्तक्षेप करना पड़ा और विधायकों को शांत कराने का प्रयास किया गया।

सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ी

हंगामे को देखते हुए विधानसभा में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। सदन में इस प्रकार की स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की मदद ली जा रही है। इसके बावजूद, विपक्षी दल अनुच्छेद 370 पर अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, और वे लगातार सरकार से इस पर जवाब देने की मांग कर रहे हैं।

राजनीतिक दलों का रुख

विपक्षी दलों का आरोप है कि अनुच्छेद 370 को हटाकर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता का उल्लंघन किया है और यह राज्य की जनता की इच्छाओं के विरुद्ध है। उनका मानना है कि इसे बहाल करने से क्षेत्र में शांति और विकास लौट सकता है। वहीं, सत्ताधारी दल का कहना है कि अनुच्छेद 370 के हटने से क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के नए अवसर आए हैं और इसका लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिल रहा है।

सरकार का रुख और अगली कार्यवाही

सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक स्पष्ट रुख अपनाने का प्रयास किया है, लेकिन विपक्ष के तीव्र विरोध के कारण सदन में माहौल बार-बार गरमा रहा है। सरकार के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अनुच्छेद 370 का मुद्दा अब खत्म हो चुका है और इसे बार-बार उठाकर क्षेत्र की शांति और विकास को बाधित करना अनुचित है।

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे सदन की कार्यवाही और विकास के मुद्दों पर चर्चा बाधित हो रही है। दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलीलें हैं, लेकिन इस मुद्दे को लेकर जो तनाव और ध्रुवीकरण हो रहा है, वह राज्य की राजनीति के लिए चिंता का विषय है। यह देखना होगा कि क्या इस मुद्दे पर कोई समझौता हो पाता है या फिर हंगामा जारी रहेगा।

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