पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिद्धू के 13 सूत्रीय एजेंडे पर हंगामा, सिद्धू और चन्नी के बीच नोक-झोंक

समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 20अक्टूबर। एक तरफ देश के 5 राज्य में विधानसभा चुनाव शुरू होने वालें है तो दूसरी तरफ पंजाब में दूसरी तरफ कांग्रेस में अभी तक सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नही ले रहा। पहले नवजोत सिंह सिद्धू की कैप्टन अमरिंदर सिंह से मनमुटाव और आपसी कलह के कारण कैप्टन को इस्तीफा देना पड़ा तो अब पंजाब पीसीसी चीफ सिद्धू की नजर नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर पड़ी है।

जानकारी के मुताबिक रविवार रात को चंडीगढ़ में गवर्नर हाउस के गेस्ट हाउस में आयोजित एक बैठक में सिद्धू और चन्नी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान कांग्रेस पर्यवेक्षक हरीश चौधरी और पीसीसी महासचिव परगट सिंह भी मौजूद थे। इस नोकृ झोंक में सीएम चन्नी इस्तीफा भी देने को तैयार हो गए।
दरअसल रविवार को सिद्धू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 4 पन्ने की एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें सिद्धू ने 13 सूत्रीय एजेंडा सुझाया था और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की थी। इसी चिट्ठी को लेकर रविवार रात को ही एक अहम बैठक हुई और इसी में सिद्धू-चन्नी की नोकझोंक होने की बात सामने आ रही है।

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सिद्धू ने अपना 13 सूत्रीय एजेंडा उठाया, जिससे चन्नी चिढ़ गए और अपने इस्तीफे की पेशकश भी कर डाली। चन्नी ने अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए सिद्धू को चुनौती दी कि वो दो महीने के भीतर इन 13 सूत्रीय एजेंडे पर कार्रवाई करके दिखाएं। सूत्रों का कहना है कि सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी पर बादल परिवार के कारोबार पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं।

सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने लिखा था, ‘पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे एसटीएफ रिपोर्ट ने जिन बड़ी मछलियों का जिक्र किया था, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ सिद्धू पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो चन्नी सरकार के कामकाज में दखलंदाजी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी कमान और सीएम चन्नी दोनों ने सिद्धू को कथित तौर पर संगठन के काम पर फोकस करने को कहा है।

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