वोटर लिस्ट पर हंगामा: श्रवण कुमार बोले – यह सिर्फ सियासी शोर

समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 जुलाई: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान महागठबंधन के विधायकों ने वोटर लिस्ट निरीक्षण को लेकर हंगामा किया था। सत्ता पक्ष ने इसे “सियासी शोर” करार देते हुए जवाबी कार्रवाई तेज कर दी है। बीजेपी सहयोगी जदयू सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने इस विषय पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

‘अगर सच में मुद्दा हो तो चर्चा तैयार’

मीडिया से बातचीत में श्रवण कुमार ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि यदि मामला वैध है तो सरकार सदन में खुलकर चर्चा करेगी। लेकिन जब ठोस मुद्दे न हों, तब ऐसे प्रदर्शन होते हैं। गहरे आरोप तय नहीं हैं तो प्रक्रिया में आडंबर क्यों? उन्होंने साफ कहा कि सरकार हर सवाल के जवाब देने को तैयार है, लेकिन हल्ला उत्पन्न कर परेशानी बनाने का उद्देश्य क्या है

वोटर लिस्ट विवाद का मायाजाल

महागठबंधन विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विधानसभा परिसर में धरना पर बैठ हिंसा की चेतावनी दी। उनका आरोप था कि वोटर लिस्ट के निरीक्षण के नाम पर दलित, पिछड़ा, और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। इस पर सरकार ने सफाई दी कि उनका दावा बेबुनियाद है और सभी वर्गों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।

एनकाउंटर को भी बताया सुशासन का हिस्सा

श्रवण कुमार ने हाल ही में भोजपुर जिले में हुई पुलिस एनकाउंटर की घटना पर भी सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि अपराधी पुलिस पर जानलेवा हमला करते हैं, तो पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलाना पड़े, यह सुशासन का हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में कानून का राज है और पुलिस किसी भी स्थिति में कार्यवाही सुशासन के दायरे में करते हुए करेगी।

सियासत बनाम सुशासन की टक्कर

बिहार में सुशासन की तारीफ करने वाली सरकार और सियासत करने वाले विपक्ष के बीच टकराव किसी जमाने से ज्यादा तेज है। एक ओर महागठबंधन वोटर लिस्ट, कानून व्यवस्था और सरकार की कथित निष्क्रियता को लेकर हमलावर है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार इसे ‘सुशासन’ का प्रमाण बता रही है।

श्रवण कुमार का यह बयान उसी राजनीतिक घटनाक्रम में एक साफ संदेश है कि सरकार चर्चा को तैयार है, लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बंद होना चाहिए।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.