समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 23 जून: मिडिल ईस्ट में असहनीय तनाव के बीच अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर किये गए हमलों के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। ईरान ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने की चेतावनी दी है, जिससे वैश्विक क्रूड आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इस अनिश्चितता का सबसे बड़ा असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला।
क्रश हुआ भारत का शेयर बाजार
सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स नौ बजे के बाद ही 800 अंक लुढ़कर 81,599 तक पहुंच गया, वहीं निफ्टी 217 अंक लुढ़कर 24,895 पर आ गया। इस गिरावट को मुख्यतः अमेरिका-ईरान तनाव, हॉर्मुज जलडमरूमध्य की अनिश्चितता और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल से जोड़ा जा रहा है।
तेल की बढ़ी कीमत, निवेशकों में भय
- ब्रेंट क्रूड की कीमतें पांच महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं, शुरुआती 81.4 डॉलर प्रति बैरल से थोड़ी गिरकर 78.3 डॉलर पर आ गईं।
- कच्चे तेल की महंगाई ने निवेशकों का भरोसा हिला दिया है। UBS जैसी एजेंसियों ने हालांकि तेल बंदी को अल्पकालिक बताया है ।
- भविष्य की अनिश्चितता — ईरानी प्रतिक्रिया की प्रकृति और समय पर बाजार की निगाहें टिकी हुई हैं ।
विश्लेषकों का नजरिया: सावधानी लेकिन संभावना
Geojit के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार का कहना है कि अगर ईरान अमेरिका के सैन्य ठिकानों या कर्मियों को नुकसान पहुंचाता है, तो युद्ध व्यापक हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि ईरान के कदम सीमित रहने की संभावना है ।
सेक्टोरल रुख और निवेश दिशा
IT कंपनियों जैसे इंफोसिस, HCL टेक, TCS और FMCG दिग्गज HUL प्रमुख लूजर्स रहे है। वहीं रक्षा क्षेत्र की कंपनियों और दूरसंचार क्षेत्र के शेयरों में तेजी देखी गई।
एफ.आई.आई. जारी खरीददारी कर रहे हैं, वहीं डी.आई.आई. ने बिकवाली जारी रखी ।
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