यूएसए स्थित आईएनएडीएस (INADS) की भारतीय शाखा केएसएएस (KSAS) और नीडोनॉमिक्स फाउंडेशन ने भारतीय ज्ञान और नैतिक अर्थशास्त्र को नई दिशा देने हेतु किया साझेदारी समझौता

समग्र समाचार सेवा,

कुरुक्षेत्र, 7 जून: भारतीय मूल्यों पर आधारित आर्थिक चिंतन को पुनः परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, लखनऊ स्थित कुरूम स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज (KSAS)—जो कि यूएसए स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंसेज़ (INADS) की भारतीय इकाई है—ने प्रो. एम.एम. गोयल नीडोनॉमिक्स फाउंडेशन, कुरुक्षेत्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह सहयोग मूल्य-आधारित अनुसंधान, नैतिक शासन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह साझेदारी “नीडोनॉमिक्स” को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है, जो कि प्रो. एम.एम. गोयल द्वारा विकसित एक अग्रणी आर्थिक सोच है—इसे “पुराना अमृत नए पात्र में” कहा गया है। यह विचार उपभोग में संयम और शासन में नैतिकता को प्रोत्साहित करता है, जो लालच पर आधारित ग्रीडोनॉमिक्स की मानसिकता के विपरीत है। दोनों संस्थान इसके सिद्धांतों को अनुसंधान, संवाद और पाठ्यक्रम विकास के माध्यम से संस्थागत रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, शैक्षणिक आयोजनों और नैतिक व सतत अभ्यासों पर केंद्रित शैक्षिक सामग्री के विकास में सहयोग करेंगे।

आईएनएडीएस यूएसए के अध्यक्ष प्रो. बलराम सिंह ने इस समझौते का समर्थन करते हुए कहा कि यह शिक्षा को समाज से जोड़ने की दिशा में एक सार्थक कदम है, जो एक सशक्त, नैतिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायक होगा।

प्रो. एम.एम. गोयल ने कहा कि केएसएएस के साथ यह सहयोग नीडोनॉमिक्स को युवाओं में संस्थागत करने और लालच-आधारित पूंजीवाद की जगह नैतिक, आवश्यकता-आधारित जीवनशैली को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

केएसएएस के निदेशक डॉ. राज कुमार ने इस समझौते को नवाचारी सामाजिक-आर्थिक ढांचों को प्रोत्साहित करने और अकादमिक जगत व समाज के बीच सेतु बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

सहयोग के समन्वयक  डॉ. आलोक कुमार द्विवेदी ने इस साझेदारी को नैतिक आर्थिक चिंतन, शैक्षणिक गंभीरता और आज की चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान का समन्वय बताया।

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