उत्तराखंड पंचायत चुनाव: मतगणना जारी, 10,915 पदों की किस्मत पर निगाहें

समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 31 जुलाई: उत्तराखंड में 2025 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की मतगणना आज सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। प्रदेश के 12 जिलों में कुल 10,915 पदों के लिए 32,580 प्रत्याशियों की भाग्य-गाथा लिखी जाएगी। हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी जिलों में मतगणना प्रक्रिया तेज़ी से जारी है।

स्थानीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट secresult.uk.gov.in पर मतगणना के लाइव परिणाम उपलब्ध कराए गए हैं। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 11 बजे तक जिला पंचायत सदस्यों के 358 पदों में से 7, क्षेत्र पंचायत सदस्यों के 2,974 पदों में से 267 और ग्राम पंचायत प्रधानों के 7,499 पदों में से 1,699 परिणाम घोषित हो चुके थे।

बरसात में भी खिले प्रत्याशियों के चेहरे

आज मतगणना स्थलों पर बारिश के बीच भी प्रत्याशियों और समर्थकों के उत्साह में कमी नहीं आई। कई जगहों पर ग्राम पंचायत प्रधान निर्विरोध चुने गए हैं और उन्हें तुरंत प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया। निर्विरोध जीत की स्थिति ने खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय जनमानस की सक्रियता का पक्का संकेत दिया।

चुनाव विशेषज्ञ इसे विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल मानते हैं, क्योंकि जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के परिणाम सीधे भाजपा और कांग्रेस की आगामी रणनीतियों को प्रभावित करेंगे।

मतगणना संचालन: आंकड़ों की कहानी

  • कुल पद: 10,915
  • प्रत्याशियों की संख्या: 32,580
  • मतगणना में तैनात कर्मी: 15,024
  • सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जवान: 8,926
  • मतदान प्रतिशत: 16% (पुरुष: 64.23%, महिला: 74.42%)
  • मतदान तिथियाँ: 24 जुलाई और 28 जुलाई
  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: दूसरे चरण में 89 विकासखंडों में हुआ मतदान

निर्वाचन आयोग ने जीत पर जुलूस निकालने पर रोक भी लगा रखी है ताकि शांतिपूर्ण गणना सुनिश्चित की जा सके।

राजनीतिक प्रभाव और आगामी दिशा

उत्तराखंड की राजनीति में पंचायत चुनाव की अहमियत वर्ष 2027 विधानसभा चुनावों से कहीं अधिक है। जिला पंचायतों में किसका बोलबाला रहेगा, यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी परीक्षा होगी। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पकड़, जन समर्थन और तनिकों का रुझान इस चुनाव के परिणामों से स्पष्ट हो जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, जो जिले गणना में आगे रहेंगे, वहीं विधानसभाओं में भी उनकी भूमिका मजबूत मानी जाएगी। इस बदलाव की दिशा सीमांत क्षेत्र पंचायत और ग्राम प्रधान स्तर से पहले से ही दिख रही है।लोकतंत्र की प्रक्रिया का उत्सव

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की मतगणना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक उज्जवल उदाहरण है—जहां भारी मतदाता भागीदारी और निष्पक्ष गणना ने नए कार्यकर्ताओं को सशक्त किया है।

मतगणना जारी है, लेकिन एक बात साफ़ है: 17 वें विधानसभा चुनाव से पहले यह पहला बड़ा मापदंड होगा जो बताएगा कि ग्रामीण भारत में कौन किसकी राजनीति दिखा रहा है। 🗳️

 

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