समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 11 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भूमकाल स्मृति दिवस के अवसर पर जननायक वीर गुंडाधुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासियों को तत्कालीन दमनकारी और शोषणकारी सत्ता के खिलाफ संगठित किया और वे अमर हो गए। उन्होंने समाज में अपनी कार्यों से जागरूकता लाई। वीर गुंडाधुर अदम्य साहस के प्रतीक हैं और वे सदा समाज को प्रगति की ओर प्रशस्त करने की प्रेरणा देते रहेंगे।
भूमकाल विद्रोह बहुत ही प्रबल था
राज्यपाल ने कहा कि भूमकाल विद्रोह इतना प्रबल था कि उसे कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा जिनका बस्तर के आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियारों से साहस के साथ सामना किया। गुंडाधुर जी ने इस आंदोलन ने समाज में एक जागृति पैदा कर दी व इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी हुआ। लगभग 111 वर्ष पूर्व बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों ने जननायक गुंडाधुर के नेतृत्व में भूमकाल आंदोलन की हुंकार भरी थी।
राज्यपाल ने राजभवन में वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चों से की भेंट
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज राजभवन में राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चों से भेंट की, उन्होंने अपनी ओर से बच्चों को 21-21 हजार रुपए देने की घोषणा की और रजत पदक, प्रशस्ति पत्र एवं प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया। उन्होंने बच्चों को उनकी सूझबूझ और बहादुरी के लिए शाबाशी दी।
मिला राजिम माघी पुन्नी मेला का निमंत्रण
राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में गरियाबंद जिले की कलेक्टर नम्रता गांधी ने मुलाकात कर इस माह में आयोजित होने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला के लिए आमंत्रित किया। राज्यपाल ने मेला की तैयारियों की जानकारी ली और मेला आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकॉल के तहत आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक श्री जे. आर. ठाकुर भी उपस्थित थे।
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