उत्तराखंड के सभी मदरसों का होगा वेरिफिकेशन: धामी सरकार ने दिया आदेश, 30 दिन में पूरा होगा काम

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 दिसंबर।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य के सभी मदरसों के वेरिफिकेशन (सत्यापन) का आदेश दिया है। इस कदम का उद्देश्य मदरसों की स्थिति, उनकी मान्यता, और उनके संचालन की वैधता को सुनिश्चित करना है। सरकार ने इस प्रक्रिया को अगले 30 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

उत्तराखंड सरकार ने यह फैसला राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और मदरसों के सही ढंग से संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लिया है। इसके साथ ही, सरकार का कहना है कि यह कदम किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मदरसों के वेरिफिकेशन का उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि वे सभी आवश्यक नियमों और मानकों का पालन कर रहे हैं। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि वहां दी जा रही शिक्षा राज्य और देश के कानूनों के अनुरूप है।”

वेरिफिकेशन के मुख्य बिंदु

सरकार द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, वेरिफिकेशन प्रक्रिया में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाएगा:

  1. मदरसों की मान्यता: यह जांचा जाएगा कि मदरसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं या नहीं।
  2. छात्रों और शिक्षकों का रिकॉर्ड: मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों और पढ़ाने वाले शिक्षकों की जानकारी जुटाई जाएगी।
  3. इन्फ्रास्ट्रक्चर: मदरसों की भवन स्थिति और सुविधाओं का आकलन किया जाएगा।
  4. फंडिंग: यह देखा जाएगा कि मदरसों को मिलने वाली फंडिंग के स्रोत क्या हैं और उनका सही उपयोग हो रहा है या नहीं।
  5. सिलेबस: वहां पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी।

30 दिनों में पूरी होगी प्रक्रिया

सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें। जिला प्रशासन से कहा गया है कि वे सभी मदरसों का दौरा करें और उनकी पूरी जानकारी एकत्र करें।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस फैसले पर राज्य में विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि यह कदम अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है।

हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और किसी भी प्रकार के भेदभाव से परे होगी।

जनता की राय

सोशल मीडिया पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप मानते हैं।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में मदरसों का वेरिफिकेशन एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लाने का उद्देश्य रखता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार क्या निष्कर्ष निकालती है और इससे राज्य की शिक्षा नीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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