मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव- 2022 की अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय जूरी में दिग्गज फिल्म निर्माता, संपादक और पत्रकार शामिल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30मई। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 17वें संस्करण के लिए अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय जूरी में भारत और विदेशों के दिग्गज फिल्म निर्माता, संपादक, पत्रकार, थिएटर कलाकार और इतिहासकार शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय जूरी में पुरस्कार विजेता वन्यजीव फिल्म निर्माता सुब्बिया नल्लामुथु, फ्रांसीसी वृत्तचित्र फिल्म निर्माता मीना आरएडी, विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी निर्माता और निर्देशक जीन पियरे सायर, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता पत्रकार अनंत विजय और इजरायली फिल्म निर्माता डैन वोलमैन शामिल हैं। राष्ट्रीय जूरी में फिल्म निर्माता तारिक अहमद, थिएटर कलाकार जयश्री भट्टाचार्य, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता संजीत नार्वेकर, पत्रकार और फिल्म समीक्षक एशले रत्नविभूषण और अनुभवी फिल्म संपादक सुभाष सहगल जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं।
सुब्बैया नल्लामुथु – पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता वन्यजीव फिल्म निर्माता सुब्बैया नल्लामुथु ने पर्यावरण और मनुष्यों एवं परितंत्र के बीच संबंध पर बीबीसी वर्ल्ड के लिए ‘अर्थ फाइल’ और एनिमल प्लैनेट के लिए ‘द वर्ल्ड गॉन वाइल्ड’ जैसे असंख्य वृत्तचित्र बनाए हैं। वह जैक्सन होल वाइल्डलाइफ फिल्म महोत्सव के नियमित जूरी सदस्य हैं और उन्होंने भारतीय पैनोरमा फिल्म महोत्सव (2021) के जूरी चेयरमैन के रूप में भी काम किया है। रॉयल बंगाल टाइगर के लिए उनका ऐसा जुनून है कि उन्होंने नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और बीबीसी के लिए बाघों पर केंद्रित पांच अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्रों का निर्माण किया है।
मीना आरएडी- ईरानी मूल की और फ्रांस की रहने वाली फिल्म निर्माता और पत्रकार मीना आरएडी पेरिस में फेस्टिवल एप्रेस वरन की महोत्सव निदेशक रह चुकी हैं। उनकी पहली फिल्म ‘फॉर मी द सन नेवर सेट्स’ को तेहरान में सिनेमा वेरिट फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी फिल्मों में ‘पर्सियन टेल्स’, ‘जियान रूच इन ईरान’, ‘द फ्यूचर ऑफ द पास्ट’, ‘पियरे और योलांडे पेरौल्ट’ शामिल हैं। वह विश्व सांस्कृतिक विविधता की संस्थापक भी हैं, जो सांस्कृतिक और मानवशास्त्रीय रुचि की फिल्मों का निर्माण करती है।
जीन पियरे सायर – सिनेमा में फ्रांसीसी निर्माता और निर्देशक जीन पियरे सायर की शुरुआत 1970 में तीन पुरस्कार विजेता लघु फिल्मों के निर्देशन के साथ हुई। उन्होंने तीस से अधिक फिल्मों पर काम किया है, जिसने कान फिल्म महोत्सव, अकादमी पुरस्कार और वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव सहित दुनिया भर के फिल्म समारोहों में पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने इनसाइट प्रोडक्शंस, एटाम्प, सेप्टेम्ब्रे प्रोडक्शन और एआरटीई जैसे कई प्रभावशाली प्रोडक्शन कंपनियों में कार्यकारी पदों पर भी काम किया है।
अनंत विजय – सिनेमा, राजनीति, संस्कृति और साहित्य पर दो दशकों से अधिक के अनुभव वाले पत्रकार अनंत विजय ने पूरे भारत में कई जूरी और चयन समितियों में काम किया। वह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में जूरी अध्यक्ष और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (2019) में कोंकणी फिल्मों की चयन समिति के अध्यक्ष थे।
डैन वोलमैन – इज़राइली फिल्म निर्माता, थिएटर निर्देशक और अकादमिक डैन वोलमैन को हाल ही में सिनेमा में उनके योगदान के लिए जेरूसलम इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सिल्वर ह्यूगो अवॉर्ड मिला है। उनकी पहली फीचर फिल्म ‘द ड्रीमर’ कान फिल्म समारोह में आधिकारिक प्रविष्टि थी। उनकी फिल्मों में ‘फ्लोच’, ‘माई माइकल’, ‘एन इजरायल लव स्टोरी’ और ‘वैली ऑफ स्ट्रेंथ’ शामिल हैं। उनकी फिल्में कान, वेनिस, भारत और शंघाई के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों सहित दुनिया भर के समारोहों में प्रदर्शित की गई हैं।
तारिक अहमद – तारिक अहमद ढाका डॉकलैब के निदेशक हैं, जो बांग्लादेश में एशियाई वृत्तचित्र फिल्म निर्माताओं के लिए प्रोजेक्ट मार्केट है। वह लिबरेशन डॉकफेस्ट के कलात्मक निदेशक भी हैं, जो लिबरेशन वॉर संग्रहालय द्वारा आयोजित बांग्लादेश में सबसे प्रमुख वृत्तचित्र उत्सव है।
जयश्री भट्टाचार्य – सिनेमा में जयश्री भट्टाचार्य की यात्रा निर्देशक बुद्धदेव दासगुप्ता और ऋतुपर्णो घोष के सहायक निर्देशक के रूप में शुरू हुई। उनकी फिल्म ‘मदुर’ ने ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला फिल्म महोत्सव, कोलकाता में अपनी फिल्म ‘बिनीसुतरमाला’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी जीता।
संजीत नार्वेकर – संजीत नार्वेकर एक लेखक, प्रकाशक और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता हैं, जिन्हें पत्रकारिता, जनसंपर्क, प्रकाशन और फिल्म निर्माण में चार दशकों से अधिक का अनुभव है। स्क्रीन के पूर्व समाचार संपादक, टीवी और वीडियो वर्ल्ड और डॉक्यूमेंट्री टुडे के संपादक रहे संजीत नार्वेकर ने नेशनल क्रिटिक्स जूरी, एमआईएफएफ (2006), सिनेमा राइटिंग अवार्ड्स और नेशनल फिल्म अवार्ड्स (1999) सहित असंख्य फिल्म चयन समितियों और जूरी में भी काम किया है। फिल्म निर्माता के रूप में उनके काम में फिल्म डिवीजन द्वारा निर्मित ‘इंडिया अनवेल्ड’, ‘लवनी रूपदर्शन’ और ‘नेशन्स इन टर्मोइल’ शामिल हैं।
एशले रत्नविभूषण – एक पत्रकार, लेखक और फिल्म समीक्षक एशले रत्नविभूषण श्रीलंका में एशियाई फिल्म केंद्र (एएफसी) के निदेशक भी हैं। वह वर्तमान में नेटवर्क फॉर द प्रमोशन ऑफ एशिया पैसिफिक सिनेमा (एनईटीपीएसी) के बोर्ड सदस्य और जूरी समन्वयक हैं। वह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स (एफआईपीआरईएससीआई) के सदस्य और श्रीलंका फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटीज के अध्यक्ष भी हैं। वह कोलंबो में आयोजित राष्ट्रमंडल फिल्म महोत्सव (2013) के कार्यकारी समन्वयक और कोलंबो के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण के लिए वरिष्ठ एशियाई प्रोग्रामर थे।
सुभाष सहगल – प्रसिद्ध फिल्म संपादक सुभाष सहगल ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन उद्योग में 250 से अधिक फिल्मों पर काम किया है। उन्होंने पंजाबी सिनेमा में ‘चन्न परदेसी’, ‘मढ़ी दा दीवा’ और ‘कचहरी’ जैसी फिल्मों पर अपने कामों के लिए कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं। एक संपादक के रूप में उन्होंने भारतीय सिनेमा के प्रमुख फिल्म निर्माताओं जैसे रामानंद सागर, जिया सरहदी, गुलज़ार, के. बपैया, रविंदर पीपत और सुधेंदु रॉय सहित कई अन्य लोगों के साथ काम किया है। उन्होंने ‘प्यार कोई खेल नहीं’ और ‘यारा सिली सिली’ फिल्म में एक निर्देशक के रूप में काम किया है।
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