समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 सितंबर: देश आज अपने नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करने जा रहा है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य सुबह से ही मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। यह चुनाव उस समय हो रहा है जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा दे दिया था। अब एनडीए और विपक्षी गठबंधन आमने-सामने हैं, और संसद भवन राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र बन गया है।
कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
इस बार मुकाबला है एनडीए के उम्मीदवार और वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच। दोनों ही अपने-अपने खेमे में एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
मतदान और मतगणना की प्रक्रिया
नई संसद भवन में आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। मतदान के तुरंत बाद शाम 6 बजे मतगणना शुरू की जाएगी और परिणाम देर शाम तक घोषित किए जाने की संभावना है। कुल 785 सांसदों में से किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 391 वोटों की आवश्यकता है।
किसके पक्ष में है समीकरण?
भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास संसद में बहुमत है, जिससे सीपी राधाकृष्णन को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। अनुमान है कि उन्हें लगभग 437 वोट मिल सकते हैं, जो आवश्यक संख्या से कहीं अधिक है। दूसरी ओर, विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को करीब 323 वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक मायने
यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति चुनने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच ताकत की परीक्षा भी है। भाजपा की रणनीति है कि वे संसद में अपनी पकड़ को और मजबूत करें, वहीं विपक्ष इस चुनाव को जनता के बीच संदेश देने के अवसर के रूप में देख रहा है।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है और ऊपरी सदन के कामकाज को संचालित करने में उसकी भूमिका बेहद अहम होती है। इस लिहाज से यह चुनाव आने वाले वर्षों की संसदीय राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
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