समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एनडीए (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के नाम की पुष्टि करते हुए इसे “स्वाभाविक चयन” बताया। शाह ने कहा कि देश की सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है और इसलिए दक्षिण भारत से उपराष्ट्रपति का चयन उचित निर्णय है।
शाह ने कहा, “यह स्वाभाविक था कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार दक्षिण भारत से हों क्योंकि राष्ट्रपति पूर्वी भारत से हैं और प्रधानमंत्री पश्चिम व उत्तर भारत से आते हैं।”
राजनीतिक अटकलों को किया खारिज
जब शाह से यह पूछा गया कि क्या राधाकृष्णन का नाम तमिलनाडु में 2026 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ाया गया है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इससे इनकार किया। शाह ने कहा कि भाजपा ने तमिलनाडु में पहले भी सहयोगियों के साथ चुनाव लड़े हैं और सीटें जीती भी हैं।
उन्होंने कहा, “अगर हम किसी भी राज्य से किसी का नाम आगे बढ़ाते हैं, तो इस तरह के सवाल उठना स्वाभाविक है। लेकिन राधाकृष्णन का चयन केवल उनकी लंबी राजनीतिक यात्रा और स्वच्छ सार्वजनिक जीवन के आधार पर किया गया है।”
सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सी.पी. राधाकृष्णन लंबे समय से भाजपा से जुड़े रहे हैं और तमिलनाडु में पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं और झारखंड, तेलंगाना, पुडुचेरी और हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
1957 में तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की। 1974 में वे भारतीय जनसंघ (भाजपा के पूर्ववर्ती संगठन) के राज्य समिति सदस्य बने। इससे पहले वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े थे।
RSS से जुड़ाव पर शाह का जवाब
विपक्ष द्वारा यह सवाल उठाए जाने पर कि क्या राधाकृष्णन का नाम उनके आरएसएस पृष्ठभूमि के कारण चुना गया, शाह ने कहा कि संघ से जुड़ाव कभी भी ‘माइनस प्वाइंट’ नहीं रहा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और मैं भी संघ से जुड़े रहे हैं। क्या हमें इसलिए जनता ने नहीं चुना? अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी भी संघ से जुड़े थे। राधाकृष्णन का आरएसएस से जुड़ाव उनकी पहचान का हिस्सा है, लेकिन यह कोई नकारात्मक पहलू नहीं है।”
नामांकन और चुनाव प्रक्रिया
20 अगस्त को सी.पी. राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जे.पी. नड्डा और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। राधाकृष्णन ने करीब 20 प्रस्तावकों और 20 समर्थकों की उपस्थिति में पर्चा दाखिल किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा और मतगणना भी उसी दिन होगी।
सी.पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए चयन न केवल दक्षिण भारत को प्रतिनिधित्व देगा, बल्कि यह भी संदेश देगा कि भाजपा और एनडीए राष्ट्रीय संतुलन और अनुभवी नेतृत्व को महत्व देते हैं। अमित शाह का यह बयान स्पष्ट करता है कि राधाकृष्णन का नाम केवल राजनीतिक समीकरणों से नहीं, बल्कि उनके सार्वजनिक जीवन की स्वच्छ और सशक्त पृष्ठभूमि से जुड़ा है।
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