उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का शिक्षा पर बयान: “शिक्षा एक ऐसा खजाना है जिसे कोई नहीं छीन सकता”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 सितम्बर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसे कोई चोर, सरकार, रिश्तेदार, या दोस्त आपसे नहीं छीन सकता। इस बयान में उन्होंने शिक्षा की अमूल्यता और इसके प्रति समाज की जिम्मेदारी को स्पष्ट किया।

शिक्षा की अमूल्यता

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान शिक्षा की महत्वता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसी संपत्ति है जो व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण आधार है। शिक्षा एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है और उसे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।

धनखड़ ने यह भी कहा कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसे किसी बाहरी ताकत से छीना नहीं जा सकता। यह व्यक्ति की सोच, ज्ञान, और कौशल का एक अभिन्न हिस्सा है जो जीवन भर साथ रहता है। यह विचारशीलता और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है, जो जीवन की हर स्थिति में काम आती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का महत्व

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इसे “गेम-चेंजर” करार दिया और कहा कि जो राज्य इस नीति को अपनाने में पीछे रह गए हैं, उन्हें इसे दोबारा सोचने की आवश्यकता है। NEP एक व्यापक योजना है जो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और आधुनिकता लाने का प्रयास करती है।

धनखड़ ने कहा कि NEP का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। यह नीति छात्रों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने पर जोर देती है और इसमें तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को भी महत्व दिया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार

उपराष्ट्रपति ने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षा में सुधार से केवल व्यक्तियों का भविष्य ही नहीं, बल्कि समाज और देश का भविष्य भी उज्ज्वल होगा। यह आवश्यक है कि सभी राज्य इस नीति को अपनाएं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

शिक्षा का क्षेत्र निरंतर बदल रहा है और इसमें समय के साथ-साथ बदलाव की आवश्यकता है। NEP का उद्देश्य इस बदलाव को सक्षम बनाना और एक समृद्ध और शिक्षित समाज का निर्माण करना है।

निष्कर्ष

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान शिक्षा की महत्वता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता को स्पष्ट करता है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह समाज की प्रगति और राष्ट्र की शक्ति को भी बढ़ाता है। NEP जैसे सुधारात्मक कदम से शिक्षा प्रणाली में आवश्यक बदलाव लाए जा सकते हैं और यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो।

शिक्षा का सशक्तिकरण और सुधार देश के भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उपराष्ट्रपति के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा को लेकर सरकार और समाज को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

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