समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30अक्टूबऱ। उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाई विविधता को संरक्षित रखने और उनका प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषाएं हमें अपनी विरासत से जोड़ती हैं और हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करती हैं।
गोवा के राजभवन में आज प्रख्यात कोंकणी और मराठी लेखकों, लोक कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और शिक्षाविदों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने अपनी भाषाओं में अपने चिंतन और विचारों की रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने गोवा की समृद्ध साहित्यिक परंपरा की प्रशंसा की और कहा कि आज कोंकणी भाषा को समृद्ध होते देखकर वह खुश हैं। अनुवाद के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, श्री नायडू ने प्रशासन में राज्य की स्थानीय भाषा का प्रयोग करने की अपील की।
गोवावासियों में कला के सभी रूपों के प्रति जुनून की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस जगह के उत्सवी मिजाज और जीवंतता का अहसास किसी को भी हो सकता है। भारत में संगीत और नृत्य की गौरवशाली परंपरा का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे हमें फिर से जीवंत और ऊर्जावान बनाकर हमारे जीवन को और अधिक परिपूर्ण बनाते हैं।
गोवा को उत्कृष्ट प्राकृतिक सौंदर्य की धरती बताते हुए, श्री नायडू ने कहा कि यह राज्य प्रकृति और संस्कृति का दुर्लभ संगम है। उन्होंने वहां के प्राचीन प्राकृतिक पर्यावरण को सुरक्षित संरक्षित रखने के लिए जागरूकता को लेकर राज्य की प्रशंसा की। गोवा को पर्यटकों की जन्नत बताते हुए, श्री नायडू ने लोगों से देश के भीतर ऐसी खूबसूरत जगहों का पता लगाने और वहां भ्रमण के लिए जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने लोगों को इस बात से भी सावधान किया कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और उन्हें कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन को कहा।
कार्यक्रम के दौरान, उपराष्ट्रपति ने हाल के दिनों में गोवा से आने वाले साहित्य अकादमी पुरस्कारों के विजेताओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिष्ठित शख्सियतों द्वारा किए गए योगदान को पहचानना और उनका सम्मान करना और देश में लोगों की आकांक्षाओं को जानना है।
एक लेखक के सुझाव पर श्री नायडू ने इस बात पर सहमति जताई कि जीवन के हर क्षेत्र में महिला और पुरुष के बीच समानता को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल श्री पी. एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक, राज्य के जाने-माने लेखक, कलाकार, फिल्म निर्माता और सांस्कृतिक क्षेत्र की हस्तियां मौजूद रहीं।
The Vice President felicitating Sahitya Akademi Awardees from Goa during an interaction with the eminent writers, artists, film makers and cultural figures from the state at #Goa Raj Bhawan today. pic.twitter.com/e8goiNrhr7
— Vice President of India (@VPSecretariat) October 29, 2021
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