उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने धारवाड़ कृषि महाविद्यालय की 75वीं वर्षगांठ पर भित्ति चित्र का अनावरण किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 जनवरी।
आज कर्नाटक के धारवाड़ में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कृषि महाविद्यालय, धारवाड़ की स्थापना के 75 गौरवमयी वर्षों को समर्पित एक भव्य भित्ति चित्र का अनावरण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कॉलेज के गौरवशाली इतिहास, उपलब्धियों और कृषि क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान का स्मरण किया गया।

कृषि शिक्षा और अनुसंधान का महत्व
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि महाविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में देश को नई दिशा दी है। उन्होंने विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत की कृषि व्यवस्था को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

भित्ति चित्र का संदेश
अनावरण किए गए भित्ति चित्र में महाविद्यालय की 75 वर्षों की यात्रा, कृषि के क्षेत्र में हुए नवाचार और किसानों की उन्नति को सुंदर रूप से दर्शाया गया है। यह भित्ति चित्र न केवल संस्थान की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि भविष्य की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरणा भी देता है।

स्थायी कृषि विकास पर जोर
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में सतत कृषि विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषि में तकनीकी नवाचार, जैविक खेती और जल संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर ही हम कृषि क्षेत्र को मजबूत बना सकते हैं।

छात्रों के लिए प्रेरणा
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कृषि महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों की भलाई के लिए नवाचार और शोध में आगे आएं।

निष्कर्ष
श्री जगदीप धनखड़ द्वारा धारवाड़ कृषि महाविद्यालय के 75 वर्षों की यात्रा के उपलक्ष्य में भित्ति चित्र का अनावरण इस ऐतिहासिक संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह कार्यक्रम कृषि शिक्षा, अनुसंधान और सतत विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।

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