अमेरिका-ब्रिटेन डील पर बोले उपराष्ट्रपति वेंस: “अब हालात ठीक हैं, समझौते का यह सही वक्त है”

वाशिंगटन, 16 अप्रैल | अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 14 अप्रैल को एक इंटरव्यू में यह उम्मीद जताई कि ब्रिटेन के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर बातचीत आगे बढ़ सकती है। उनका कहना है कि हाल ही में वैश्विक व्यापार में जो अस्थिरता देखने को मिली थी, वह अब कुछ हद तक थम चुकी है, और इस समय को व्यापारिक समझौते के लिए उपयुक्त माना जा सकता है।

उपराष्ट्रपति वेंस ने यह बयान अनहर्ड नामक वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा,

“हम किएर स्टार्मर की सरकार के साथ मिलकर काफी मेहनत कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अब हालात ऐसे हैं, जहां एक मजबूत व्यापारिक समझौते की संभावना बनती दिख रही है।”

दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में वैश्विक व्यापार में काफी उथल-पुथल मची थी। इसकी मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 2 अप्रैल को की गई घोषणा थी, जिसमें उन्होंने लगभग सभी देशों पर “रेसिप्रोकल टैरिफ़” यानी बराबरी का शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था। इस फैसले में ब्रिटेन भी शामिल था।

इस कदम के बाद, शेयर बाजारों में हलचल मच गई थी और दुनियाभर में यह सवाल उठने लगे थे कि क्या अमेरिका अपने पुराने व्यापारिक रिश्तों को तोड़ने की राह पर है। लेकिन अब उपराष्ट्रपति वेंस के बयान से नरम संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देशों के रिश्ते फिर से सामान्य हो सकते हैं और एक सकारात्मक व्यापारिक समझौता संभव हो सकता है।

ब्रिटेन की किएर स्टार्मर सरकार भी इस बातचीत में सहयोगात्मक भूमिका निभा रही है। दोनों देशों के बीच डील को लेकर एक सकारात्मक माहौल बनता दिख रहा है, जो भविष्य में व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का संकेत दे रहा है।

यदि यह व्यापारिक समझौता साकार होता है, तो अमेरिका और ब्रिटेन दोनों को व्यापारिक दृष्टि से बड़ा फायदा होगा। इसके साथ ही, यह दुनिया को एक सकारात्मक संदेश भी देगा कि दो लोकतांत्रिक देशों के बीच समझौता किया जा सकता है, चाहे हालात कितने भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।

जानकारों का मानना है कि इस समझौते के बाद अमेरिका और ब्रिटेन के रिश्ते फिर से एक नई दिशा में आगे बढ़ सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार को भी एक नया दिशा मिलेगा। यह संकेत देगा कि दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद के रास्ते हमेशा खुले रहते हैं, भले ही कभी-कभी असहमति हो।

यह बयान उपराष्ट्रपति वेंस के नेतृत्व में अमेरिका की कूटनीतिक रणनीति को भी दर्शाता है, जो व्यापारिक रिश्तों को सुधारने और सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।

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