विजेंद्र गुप्ता: 2015 की बेदखली के बाद अब दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर वापसी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 फरवरी।
एक दशक पहले दिल्ली विधानसभा से जबरन बाहर निकाले जाने के बाद, भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने शानदार वापसी की है। इस बार वे विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) के रूप में चुने गए हैं

विजेंद्र गुप्ता, जिन्होंने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में रोहिणी सीट से जीत दर्ज की, को भाजपा की प्रचंड जीत के बाद विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने इस अवसर पर अपनी पार्टी और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“मैं इस जिम्मेदारी के लिए आभारी हूँ और सदन में स्वस्थ बहस और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का प्रयास करूंगा।”

2015 की बेदखली का नाटकीय घटनाक्रम

2015 की दिल्ली विधानसभा की एक ड्रामाई घटना में विजेंद्र गुप्ता को सदन से जबरन बाहर निकाला गया था। उस समय, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार सत्ता में थी, और भाजपा विधायक ओ.पी. शर्मा द्वारा आप विधायक अलका लांबा पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ था।

विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार विरोध किया और सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद, मार्शलों ने उन्हें जबरन बाहर निकाला। उस दौरान के दृश्य काफी चर्चा में रहे थे, जब गुप्ता फर्नीचर को पकड़कर सदन में बने रहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अंततः सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर कर दिया

भाजपा की सत्ता में वापसी और विजेंद्र गुप्ता की नई भूमिका

2025 में भाजपा ने दिल्ली में 10 साल बाद सरकार बनाई। इस जीत के बाद, रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं, जबकि पूर्व सांसद परवेश वर्मा को कैबिनेट में शामिल किया गया

भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अनुभवी और तेजतर्रार नेता विजेंद्र गुप्ता को चुना, जो विपक्ष में रहते हुए भी प्रभावी ढंग से सरकार को चुनौती देने के लिए जाने जाते रहे हैं

AAP की प्रतिक्रिया का इंतजार

भाजपा की सत्ता में वापसी और विजेंद्र गुप्ता के स्पीकर बनने पर अभी तक आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है

हालांकि, यह तय है कि विजेंद्र गुप्ता अब एक नई भूमिका में होंगे, जहाँ उनकी जिम्मेदारी केवल बहस का नेतृत्व करना ही नहीं, बल्कि विधानसभा की गरिमा बनाए रखना भी होगा

2015 में जबरन बेदखली से लेकर 2025 में स्पीकर बनने तक का सफर, विजेंद्र गुप्ता के लिए एक अद्वितीय राजनीतिक जीत की कहानी है।

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